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विभिन्न समुदायों की टीमों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं

टाटा स्टील फाउंडेशन के तत्वावधान में विगत 13 और 14 मार्च को सेंटर फॉर एक्सीलेंस के इंडोर ऑडीटोरियम में ‘संवाद-समुदाय के साथ’ प्रोग्राम के तहत ट्राइबल शॉर्ट फ़िल्मों की स्क्रीनिंग की गई. इस दौरान विभिन्न समुदायों की टीमों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं. साथ ही साथ अलग-अलग सत्रों में फ़िल्मों और विभिन्न आदिवासी मुद्दों को लेकर परिचर्चा का दौर भी चला.

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दो दिवसीय इस फिल्मोत्सव की शुरुआत जिरेन टोपनो (Head, Tribal Identity) द्वारा दिए गए परिचयात्मक एवं स्वागत भाषण के साथ हुई.

पहले दिन के पहले सत्र में तीन शॉर्ट फ़िल्मों-Just like our grandmothers, Man, Melody and  Dolls और Aangen दिखाई गईं, जिनके फिल्ममेकर हैं क्रमशः Chentei khiammiungan, संजय कुमार टुडू और रवि राज मुर्मू.

दूसरे सत्र में भी तीन फ़िल्में The songs we sing and thedrums we beat, Our stories : Musical story narration और Cinema दिखाई गईं. इनके फिल्ममेकर हैं क्रमशः Kombong, Ledem Mardi और विनोद काम्बले.

तीसरे सत्र में दो फ़िल्मों-Papaya और Experimental का प्रदर्शन किया गया. इनके फिल्ममेकर दीपक बेसरा और सेरल मुर्मू हैं.

दूसरे दिन कुल दो सत्रों में कुल 6 फ़िल्में प्रदर्शित की गईं, जिनमें Ringrung ya Rangbee Heh ?, Sinduri, Adiwasi, Jadugoda, Rat trap और Sound from the hallow bamboo शामिल हैं. इनके फिल्ममेकर हैं-Mankap Nokwoham, Rahit Mardi, Deepak Sing Bari, Satish Munda, और Rupesh Sahu हैं.

और इस तरह दो दिनी इस फिल्मोत्सव का सफल समापन अंकिता टोप्पो के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ. इस दौरान दोनों दिन चली परिचर्चा के संचालक रहे कुमार गौरव, सूरा गिलुआ, नीतीश कुमार और गुंजल इकिर मुंडा.

Tribal Film Festival by TSF | Mashal News

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Shashank Shekhar

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.

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