
उत्क्रमित मध्य विद्यालय धातकीडीह परिवार और सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन का संयुक्त अभियान
धातकीडीह गांव की लगभग सभी किशोरियां व महिलाएं पिछले दो वर्षों से करती है रियूजेबल पैड का उपयोग, गांव से नहीं निकलता पैड का कोई भी अपशिष्ट, अन्य गांवों के लिए एक मिशाल
विद्यालय के पोषक क्षेत्र के प्रत्येक गांव में कार्यशाला आयोजित कर अभियान से सभी किशोरियों व महिलाओं को जोड़ने की है योजना
घाटशिला / जमशेदपुर, 01 जून 2025 : विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर ” पीरियड एंड साइंस ” जन अभियान की शुरुआत सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन, झारखंड के द्वारा किया गया था।अभियान के माध्यम से माहवारी स्वच्छता की शिक्षा के साथ साथ विज्ञान शिक्षा में भी ग्रामीण इलाके व सुविधावंचित समुदायों के बच्चों की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि समाज में व्याप्त कई रूढ़िवादी धारणाओं से समाज को निकट भविष्य में सुरक्षित किया जा सके। रविवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय धातकीडीह परिवार और सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में घाटशिला के पाथेरडीह गांव में इमली पेड़ के नीचे “पीरियड एंड साइंस” कार्यशाला का आयोजन सार्वजनिक रूप से किया गया।
बालिका शिक्षा से समाज में आने वाले बदलावों पर भी विस्तृत चर्चा की गई
कार्यशाला का आयोजन धातकीडीह विद्यालय के भूतपूर्व छात्राएं लीलमणि मुंडा और मौमिता मुर्मू के नेतृत्व में किया गया। कार्यशाला के दौरान झारखंड के पैडमैन तरुण कुमार ने गांव की महिलाओं और किशोरियों को माहवारी स्वच्छता, किशोरी महिला स्वास्थ्य, उचित पोषण, पीरियड के समय साफ सफाई का महत्व, सैनिटरी पैड के उपयोग समेत पीरियड के विज्ञान को विस्तार से बताया। कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह के दुष्प्रभाव, बालिका शिक्षा से समाज में आने वाले बदलावों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। वही बताया गया कि विज्ञान शिक्षा से भी कई सामाजिक कुरीतियों को समाज से बखूबी कम किया, हटाया जा सकता है।
गांव की महिलाएं हर महीने महंगा सैनिटरी पैड नहीं खरीद पाती
कार्यक्रम के दौरान पैडमैन तरुण कुमार के वक्तव्यों को लीलामणि मुंडा ने बांग्ला और मौमिता मुर्मू ने संथाली में भी बारी बारी से अनुवाद कर महिलाओं को बताया, ताकि ग्रामीण महिलाएं जरूरी बातों को बेहतर ढंग से समझ सके। आज पाथरडीह गांव में आयोजित कार्यक्रम ग्रासरूट्स पर चलाए जा रहे अभियानों के लिए एक ठोस मिसाल है, जहां समुदाय के जरूरतों के हिसाब से कार्यक्रम की रूप-रेखा तैयार की गई थी। गांव की महिलाएं हर महीने महंगा सैनिटरी पैड नहीं खरीद पाती, उनकी इस समस्या से छुटकारा दिलाने हेतु कार्यक्रम के दौरान उपस्थित किशोरियों व महिलाओं को पर्यावरण अनुकूल प्रोजेक्ट बाला रियूजेबल पैड का उपहार भी दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान 50 से ज्यादा लोग मौजूद रहे
बताते चले कि धातकीडीह गांव की लगभग सभी किशोरियां व महिलाएं पिछले दो वर्षों से रियूजेबल पैड का उपयोग करती है, जिससे उपयोग किए गए पैड का कोई भी अपशिष्ट संभवतः गांव से नहीं निकलता। कार्यक्रम के दौरान उमवि धातकीडीह के प्रधानाध्यापक साजिद अहमद, विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्ष मालती मुर्मू व अन्य मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम में 50 से ज्यादा लोग मौजूद रहे। जल्द ही विद्यालय के पोषक क्षेत्र के प्रत्येक गांव में कार्यशाला आयोजित कर अभियान से सभी किशोरियों व महिलाओं को जोड़ा जाएगा। लंबी छुट्टियों के दौरान भी गांव के बच्चे पढ़ाई और सामाजिक गतिविधियों से जुड़े रहे, इस दिशा में विद्यालय हमेशा से उल्लेखनीय कार्य करते आ रहा है।

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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