रूस पर नए प्रतिबंधों के संभवतः वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बड़े परिणाम देखने को मिल सकते हैं.यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद वैश्विक बाज़ारों में तेल की क़ीमत के ख़तरे की वजह से बीते सप्ताह ब्रेंट क्रू़ड की क़ीमत 20 फ़ीसदी से ज़्यादा बढ़ गई.दुनियाभर के उपभोक्ताओं की जेब पर हाल के दिनों में बढ़ी क़ीमतों का बोझ नज़र आने लगा है.
रॉयल ऑटोमोबाइल क्लब (आरएसी) के मुताबिक़, पेट्रोल की औसत क़ीमत में 1.50 पाउंड की बढ़ोतरी हुई है.इस बीच यूक्रेन संकट की वजह से बढ़ी गैस की क़ीमतों ने भी चिंता बढ़ा दी है. माना जा रहा है कि ब्रिटेन में लोगों के सालाना बिजली बिल 3000 पाउंड तक पहुंच सकता है.रूस की ओर से आपूर्ति में कमी आने की आशंकाओं के बीच हाल के दिनों में यूरोप और ब्रिटेन में गैस की क़ीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं.
बढ़ी क़ीमतों का असर उपभोक्ताओं पर भी होने लगा है क्योंकि ईंधन से लेकर घर के बिजली बिल तक में बढ़ोतरी होने लगी है.
अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बिकने वाले ब्रेंट क्रूड (कच्चे तेल) की क़ीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई. हालांकि फिर ये थोड़ी गिरकर 130 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है.यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद आपूर्ति बंद होने की आशंकाओं के बीच ऊर्जा बाज़ार में भी अफरा-तफ़री सा माहौल हो गया है.बढ़ी क़ीमतों का असर उपभोक्ताओं पर भी होने लगा है क्योंकि ईंधन से लेकर घर के बिजली बिल तक में बढ़ोतरी होने लगी है.
भारतीय शेयर बाज़ार पर भी यूक्रेन के संकट का गंभीर असर देखने को मिल रहा है. सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स में क़रीब 1500 अंकों की बड़ी गिरावट आई है.रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्री ऐंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि बाइडन प्रशासन और उसके सहयोगी देश रूस से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विचार कर रहे हैं.
भारत में तेल के दाम बीते कुछ हफ़्तों से स्थिर बने हुए हैं. जानकारों का मानना है कि ऐसा पांच राज्यों में हो रहे चुनाव की वजह से है.
रविवार को ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ‘शेल’ ने यूक्रेन पर आक्रमण के बावजूद रूस से कच्चे तेल की ख़रीदारी के अपने फ़ैसले को सही ठहराया.कंपनी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि रियायती दरों पर ईंधन ख़रीदने का फ़ैसला काफी कठीन था.कंपनी ने ये बताया कि उसने रूस से शुक्रवार को कच्चा तेल ख़रीदा है. कंपनी ने कहा कि उसके पास कोई विकल्प नहीं था.
आने वाले समय में भारत में पेट्रोल-डीज़ल और गैस के दाम बढ़ सकते हैं.
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ऊर्जा कंपनियों पर बरसते हुए ट्विटर पर निंदा की. भारत में तेल के दाम बीते कुछ हफ़्तों से स्थिर बने हुए हैं. जानकारों का मानना है कि ऐसा पांच राज्यों में हो रहे चुनाव की वजह से है.कई बाज़ार विशेषज्ञों के मुताबिक़ यूक्रेन संकट की जो मार शेयर बाज़ार पर नज़र आ रही है वो तेल की क़ीमतों पर भी नज़र आएगी ही. आने वाले समय में भारत में पेट्रोल-डीज़ल और गैस के दाम बढ़ सकते हैं.
Also Read: शेन वॉर्न की मौत पर थाईलैंड पुलिस का बड़ा खुलासा !
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!