नफरत के इतिहास के इस ताजा अध्याय के केंद्र में न लता मंगेशकर हैं, न उनका निधन, न शाहरुख खान हैं और न उनका फातिहा पढ़ना. इन नामों और इन नामों के पीछे की पहचानों को हटा कर देखेंगे तो सिर्फ इतना नजर आएगा कि किसी के देहांत पर कोई उसे श्रद्धांजलि दे रहा है.
इस्लाम को मानने वाले किसी की मौत के बाद उसके लिए दुआं मांग कर दुआं को फूंक देते हैं ताकि वो दुआं जिस के लिए पढ़ी गई उस तक पहुंच जाए. यह भी एक श्रद्धांजलि है. मुमकिन है कि सब को इस तरीके के बारे में न पता हो लेकिन इस फूंकने को थूकने का रंग देने की कोशिश इस कोशिश को करने वालों के बारे में बहुत कुछ कहती है.
मानसिक तौर पर विक्षिप्त होता समाज
क्या इसने थूका है ❓ pic.twitter.com/RZOa2NVM5I
— Arun Yadav (@beingarun28) February 6, 2022
ऐसे लोग लंबे समय से थूकने से जुड़ी कई साजिशें गढ़ते आए हैं. “वो लोग सब्जी पर थूक कर उसे बेचते हैं.” “वो लोग आपको रोटी भी थूक कर परोसेंगे.” नफरत की ये किंवदंतियां गढ़ते गढ़ते ये लोग इतना गिर गए कि इन्होंने जीवन के अंतिम पड़ाव पर की जा रही प्रार्थना में भी थूक देख लिया.
यानी किसी दूसरे का इनसे अलग प्रार्थना पद्धति में महज विश्वास रखना इन्हें इतना अखरता है कि जन्म से लेकर मृत्यु तक उसके हर कार्य में ये षड़यंत्र देखते हैं. इसे पैरानोया या संविभ्रम कहते हैं जो एक तरह का मानसिक विकार होता है.
जिसे अपने विकार का इल्म हो जाता है वो इलाज के लिए मानसिक रोग विशेषज्ञों से सलाह लेता है. लेकिन जिसे यह अहसास ही ना हो कि वो मानसिक रूप से विक्षिप्त हो रहा है उसे उसके करीब के लोग बस एक अंधकार भरे गर्त में एक पीड़ादायी लाचारी से गिरते हुए देख भर ही सकते हैं, कर कुछ नहीं सकते.
मूल्यों की बलि
क्या शाहरुख़ ने लता दीदी पर थूका हैं? देखे बिंदास बोल @SureshChavhanke ji के साथ। pic.twitter.com/qbmvWx2EnB
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) February 6, 2022
यहां फर्क बस इतना है कि यह विकृति, यह विक्षिप्तता, यह रोग और यह पतन किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि समाज का हो रहा है. नहीं तो क्यों इस समाज को हिजाब से लेकर दुआं पढ़ने तक, हर चीज में षड़यंत्र नजर आता है?
समाज के बुनियादी मूल्यों की बलि
जन्म, कपड़े, खान पान, प्रेम, त्योहार, नौकरी, व्यापार, शिक्षा और अब दुआं में भी “जिहाद” देखना, यह पतन नहीं तो क्या है. और उससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह जानबूझ कर किया जा रहा है. राजनीतिक सत्ता हासिल करना और उस पर अपनी पकड़ बनाए रखना इतना जरूरी हो गया है कि उसके लिए समाज के बुनियादी मूल्यों की बलि चढ़ाई जा रही है.
क्या भविष्य है ऐसे समाज का? कुछ लड़कियों के हिजाब पहनने के अधिकार पर अड़े रहने पर प्रतिक्रिया में कुछ और लड़कियों का भगवा पहन कर निकल आना यह दिखाता है कि यह नफरत बच्चों में भी भरी जा रही है. कल कैसे रिश्ते होंगे इन बच्चों के? कैसी होगी कल के समाज की सोच?
विचारों में फैलता जहर
यह कल पर टालने वाला नहीं बल्कि आज ही विचार करने वाला सवाल है. आज के कदम कल के समाज की नींव रखते हैं. जरा समझिए कि कैसे नफरत का यह जहर समाज के अंग अंग में फैलाया जा रहा है.
नेताओं को तो चुनाव में जवाब दिया जा सकता है. आप किस सोच को चुनते हैं ये महज एक जादूई बटन दबा कर बता सकते हैं. लेकिन यह बटन दबाने का मौका तो आपको पांच सालों में एक बार मिलता है. डिजिटल क्रांति के इस युग में एक शक्तिशाली बटन आपके मोबाइल पर भी है जिसे आप रोज सैकड़ों बार दबाते हैं.
कुछ लोग उसे सैकड़ों बार दबा कर रोज नफरत के सैकड़ों बीज बो रहे हैं. यह काम सिर्फ कोई संगठन ही नहीं कर रहा है कि बल्कि हम सब के घरों में, परिवारों में और सामाजिक घेरों में हो रहा है. यह नफरत शायद राजनीतिक जीत तो दिला दे लेकिन जरा सोचिए कि अगर यह नफरत ही जीत गई तो क्या होगा. क्या होता है उस शरीर का जिसके हर अंग में जहर फैल जाए?
अगर नफरत ही जीत गई तो क्या होगा
नेताओं को तो चुनाव में जवाब दिया जा सकता है. आप किस सोच को चुनते हैं ये महज एक जादूई बटन दबा कर बता सकते हैं. लेकिन यह बटन दबाने का मौका तो आपको पांच सालों में एक बार मिलता है. डिजिटल क्रांति के इस युग में एक शक्तिशाली बटन आपके मोबाइल पर भी है जिसे आप रोज सैकड़ों बार दबाते हैं.
कुछ लोग उसे सैकड़ों बार दबा कर रोज नफरत के सैकड़ों बीज बो रहे हैं. यह काम सिर्फ कोई संगठन ही नहीं कर रहा है कि बल्कि हम सब के घरों में, परिवारों में और सामाजिक घेरों में हो रहा है. यह नफरत शायद राजनीतिक जीत तो दिला दे लेकिन जरा सोचिए कि अगर यह नफरत ही जीत गई तो क्या होगा. क्या होता है उस शरीर का जिसके हर अंग में जहर फैल जाए?
कल की कड़ी में पढ़िए : क्या हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सोशल मीडिया की वजह से कट्टरता में वृद्धि हुई है?
ज़रा यह भी पढ़े
- पुष्पा स्टाइल में लाल चंदन चुराया और पकड़ा गया, पुलिस ने कहा- पुष्पा झुकेगा भी, धरा भी जाएगा !
- Breaking News : पलामू-लातेहार सीमा पर नक्सलियों के दो गुटों में मुठभेड़, फायरिंग से इलाके में दहशत
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!