समाज में आत्महत्या का मुद्दा गंभीरता से उठ चुका है, और हमें इस समस्या का सामना करने के लिए समर्थ होना चाहिए। आत्महत्या निवारण दिवस को 10 सितंबर को मनाकर हम इस समस्या के खिलाफ साझा समर्थन और जागरूकता बढ़ाते हैं।
इस साल आठ माह में (जनवरी से अगस्त तक) शहर के 143 लोगों ने मौत को गले लगाया। इनमें 109 लोगों की उम्र 45 वर्ष से कम है। इनमें 41 महिलाएं व 14 विद्यार्थी भी शामिल हैं। पारिवारिक विवाद में 22, बेरोजगारी में 5, प्रेम प्रसंग में 7, आर्थिक तंगी में 8, मानसिक तनाव में 24 समेत अन्य कारणों से कुल 143 लोगों ने आत्महत्या की। लेकिन खुद का खत्मा समस्या का हल नहीं है। जो लोग इससे उबरे हैं, वे आज हंसी-खुशी जीवन बिता रहे हैं। पढ़िए, ऐसी तीन कहानियां जिन्होंने आत्महत्या के चंगुल से खुद को उआरा और सफल हुए।
इन्होंने खुदकुशी के बजाए खुशी की राह चुनी
आर्थिक तंगी से खा ली थी नींद को गोली, अब खुशहाल परिवार
केस 1
धतकीडीह के एक व्यक्ति (45) लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी के कारण बच्चों की स्कूल की फीस और न किराया दे पा रहा था। उसका बिजनेस ठप हो गया था। उन्होंने नींद की गोली खा ली थी, लेकिन उनकी जान बच गई। अब उनका परिवार सुखी है।
पति-बेटा ने छोड़ा तो जा रही थी जान देने, अब बेटी के साथ खुश
केस 2
मानगो की 55 वर्षीय महिला पति और पुत्र के छोड़ने के बाद सुवर्णरेखा नदी में कूूदने जा रही थी। वहां के बच्चों ने महिला को खुदकुशी करने से रोका। महिला की काउंसलिंग के बाद उसका मन बदल गया। अब वह अपनी बेटी के साख खुशी-खुशी रह रही है।
आत्महत्या करने जा रही थी छात्रा, आज कर रही अच्छी नौकरी
केस 3
बिष्टुपुर की एक कॉलेज की छात्रा ने पारिवारिक कारणों से आत्महत्या का मन बना लिया था। छात्रा कॉलेज में भी हर समय उदास रहती थी। उसने बताया था कि पारिवारिक कारणों से आत्महत्या करना चाहती हूं। फिर छात्रा की काउंसिलिंग की गई। छात्रा अब ग्रेजुएशन के साथ एक प्राइवेट कंपनी में अच्छी नौकरी भी कर रही है।
शहर में वर्ष 2019 से अब तक शहर में 1039 लोगों ने आत्महत्या की है। वर्ष 2019 में 177, 2020 में 258, 2021 में 255, 2022 में 206 और वर्ष 2023 में अब तक 143 लोगों ने आत्महत्या की है।
तनाव होने पर क्या करें
- तनावग्रस्त व्यक्ति को अकेला ना छोड़ें।
- तनाव का कारण जानने का प्रयास करें।
- किसी काउंसलर या मनोचिकित्सक के पास ले जाएं।
- अपने किसी नजदीकी दोस्त या रिश्तेदार से बात करें।
- माता-पिता या अपने से बड़े-दोस्तों को तनाव का कारण बताएं।
आत्महत्या एक गंभीर समस्या है जो व्यक्ति की मानसिक स्थिति, तनाव, और अन्य कई कारणों के साथ जुड़ी होती है। यह एक जीवन खो देने का प्राणिक और गंभीर कदम है, जिससे पूरे समाज को नुकसान होता है। इसलिए हमें आत्महत्या को रोकने और उसके प्रति सहानुभूति और समर्थन प्रदान करने के लिए कई कदम उठाने चाहिए।
यहाँ कुछ महत्वपूर्ण तरीके हैं जिन्हें हम आत्महत्या निवारण दिवस पर अपना साथ देने के लिए अपना सकते हैं:
- जागरूकता फैलाएं: लोगों को आत्महत्या के लक्षणों और उपायों के बारे में जागरूक करें।
- मानसिक स्वास्थ्य समर्थन: मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का समर्थन और उपचार प्रदान करने के लिए सामाजिक संगठनों को समर्थन दें।
- खुदकुशी से संबंधित उपयुक्त साझा करें: सुसाइड से संबंधित साहित्य और संसाधनों को उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें जरूरी मदद मिल सके।
- आत्महत्या के खिलाफ बात करें: लोगों को आत्महत्या के बारे में खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें उनकी सुनने की आवश्यकता है।
- योग्यता और सहयोग प्रदान करें: जिन लोगों को आत्महत्या की संभावना हो, उन्हें योग्यता और सहयोग प्रदान करें।
- स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण: अपने समाज में एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए योगदान करें ताकि लोगों का मानसिक स्वास्थ्य सुधार सके।
- युवाओं के साथ काम करें: युवाओं को आत्महत्या से बचाने के लिए साथ काम करने और उनके संवेदनशीलता को समझने का प्रयास करें।
काउंसिलिंग के लिए इन नंबरों पर संपर्क करें
जीवन संस्था का हेल्पलाइन नंबर- 9297777499, 929777750
मुस्कान संस्था- 8092867918
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