एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीटें घट सकती है। एनएमएसी की जांच के दौरान मियां खामियों के कारण ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। एनएमसी के जांच के दौरान टीम ने कॉलेज में फैकल्टी की सर्वाधिक कमी पाई। प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, ट्यूटर के रिक्त पदों के कारण एमबीबीएस की सीटें घट सकती है। सीटें घटने को लेकर कोई अधिकृत रूप से कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन कमियों के आधार पर सीटों के घटने की आशंका जताई जा रही है। अस्पताल में डॉक्टरों की भी कमी है। इन कमियों को दूर करने के लिए बार-बार एनएमसी से कहा जा रहा था, फिर भी राज्य सरकार के स्तर से कोई पहल नहीं की गई।
पूर्व में इसी आधार पर एमबीबीएस की सीटें घटती-बढ़ती रही है। कभी 100 से घट कर 50 सीटें हो गई थीं तो कभी 50 से बढ़कर 100 सीटें। मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के करीब 30 प्रतिशत पद खाली हैं। ट्यूटर और सीनियर रेजीडेंट के करीब 42 प्रतिशत पद खाली हैं। एनएमसी की गाइडलाइन के मुताबिक 10 प्रतिशत से अधिक पद खाली नहीं होने चाहिए। अगर 10 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली हैं तो वह निगेटिव मार्किंग का आधार बन जाता है।
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