
एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को हड़ताल कर दिया। क्योंकि जूनियर डॉक्टरों को पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। इधर डॉक्टरों के हड़ताल करने से कतार में लगकर पर्ची बनाने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों ने हंगामा कर दिया क्योंकि डॉक्टरों ने ओपीडी की गेट को बंद करवा दिया था। जबकि रजिस्ट्रेशन काउंटर खुलने के दो घंटे में 600 से ज्यादा मरीजों की पर्ची बनी है। मरीजों ने कहा जब जांच और इलाज नहीं करनी थी तो पर्ची क्यों बनाए। अब एमजीएम अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की हड़ताल के कारण जहां चिकित्सा व्यवस्था लगभग ठप हो गई।
17 जून को भी हड़ताल किया था
वहीं मरीजों के हंगामे से अफरातफरी का माहौल कायम है। हालांकि जूनियर डॉक्टरों ने वेतन की मांग पर 17 जून को भी हड़ताल किया था। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आश्वासन पर फिर काम पर लौट आए थे। मंत्री ने उस वक्त कहा था 10 दिनों में वेतन का भुगतान हो जाएगा लेकिन जूनियर डॉक्टरों को वेतन नहीं मिला। सप्ताहभर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर जूनियर डॉक्टरों ने फिर हड़ताल की चेतावनी दी थी। बावजूद वेतन भुगतान नहीं हुआ। इधर जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल से मरीजों की परेशानी बढ़ गई। सुबह में कुछ देर ओपीडी एवं इमरजेंसी में बैठने के बाद जूनियर डॉक्टर अस्पताल परिसर में एकजुट होने लगे। इससे चिकित्सा सेवा ठप हो गई।

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