आपने रॉबरी पर बनी एक से बढ़कर एक बॉलीवुड और हॉलीवुडफ़िल्में देखी होंगी. पुलिस नज़रों में में धूल झोंक चोरों को मिनट में ग़ायब होते भी देखा होगा. फ़िल्म के अंत सस्पेंस को देख आपकी आंखें चकरा गई होंगी. लेकिन आज हम आपको रियल लाइफ़ रॉबरीके कुछ ऐसे क़िस्से बताने जा रहे हैं, जिनके आगे बॉलीवुड और हॉलीवुड की ये फ़िल्में भी पानी भरती नज़र आएंगी.
ये आज़ाद भारत की वो चोरियों हैं जिनके बारे में जानकार न केवल पुलिस, बल्कि आम लोग भी हैरान रह गये थे. चोरी की इन वारदातों के बारे में सुनकर कान से धुआं निकल आया था. इस दौरान चोरी को अंजाम देने के लिए डकैतों ने ऐसी तरक़ीबें इस्तेमाल की जिसे देख पुलिस के होश ढीले हो गये थे.
आज हम आपको आज़ाद भारत की 6 सबसे हैरतअंगेज डकैती के बारे में बताने जा रहे हैं-
1- ओपेरा हाउस डकैती
19 मार्च, 1987 को मुंबई पुलिस मुख्यालय के पास एक कॉल आया जो मुंबई के सबसे बड़े ज्वेलरी स्टोर ‘ओपेरा हाउस’ से था. शिकायत थी कि CBI की एक टीम ने उनके स्टोर पर छापा मारा और उस टीम का लीडर लाखों के जेवरात ले कर गायब हो गया है. जब असली पुलिस वहां पहुंची तो उन्होंने देखा कि नकली CBI की पूरी टीम वहीं थी, बस उनका लीडर मोहन सिंह ग़ायब था. दरअसल, मोहन सिंह ने 18 मार्च को ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ में एक विज्ञापन निकाला था, जिसमें लिखा था कि ‘इंटेलिजेंस अफ़सर और ‘सिक्योरिटी अफ़सर’ की पोस्ट के लिए जुझारू और सक्रिय लोग चाहिए’.
जब ये उम्मीदवार ताज कॉन्टिनेंटल होटल पहुंचे तो उनका इंटरव्यू लिया गया और 26 लोगों को चुना गया. इन लोगों को आइडेंटिटी कार्ड दिए गए और एक बस में बैठा कर ‘ओपेरा हाउस’ ले जाया गया. मोहन सिंह ने सोचा था वही हुआ. ओपेरा हाउस के मालिक, प्रताप जावेरी CBI का नाम सुन कर इतना डर गए थे कि उन्होंने किसी प्रकार का विरोध नहीं किया. इसी अफरातफरी का फायदा उठा कर मोहन सिंह लाखों के जेवरात ले कर वहां से रफूचक्कर हो गया. सबसे हैरतअंगेज बात ये है कि मोहन सिंह आज तक पकड़ा नहीं गया है. पुलिस के हिसाब से ये एक ‘परफेक्ट क्राइम’ था. इस चोरी पर बॉलीवुड फ़िल्म ‘स्पेशल 26’ बन चुकी है.
2- केरल-पंजाब ATM कांड
साल 2012 में केरल और पंजाब में ‘ATM कांड’ सामने आया था. इस दौरान कुछ लोगों ने कई बैंकों से करोड़ों रुपये लूट लिए थे. आप जानते ही होंगे ATM मशीन में एक ऐसा सिस्टम होता है जिसमें अगर आप 42 सेकेंड में रुपये नहीं निकालते हैं तो पैसे मशीन के अंदर चले जाते हैं और रुपये आपके खाते में फिर से जमा हो जाते हैं. इन चोरों ने इसी तकनीक का फ़ायदा उठाया. इस दौरान चोरों का गिरोह अलग-अलग बैंकों के ATM में जाकर पैसे निकालने लगते.
ATM मशीन से पैसे बाहर आते ही ये लोग उसमें से कुछ पैसे रख लेते और बाकी पैसे ATM के अंदर चले जाते. अगर आपने ATM को 10,000 रुपये निकालने का आदेश दिया, जब रुपये बाहर आये तो आपने उसमें से 9,000 रुपये रख लिए और बाकी 1,000 ATM मशीन में वापस चले गए. बावजूद इसके आपके खाते में पूरे 10,000 रुपये ही वापस जमा हो जाएंगे.
साल 2012 में पंजाब के एक गैंग ने इस तकनीक के ज़रिए केरल के ‘फेडरल बैंक’ से 75 लाख रुपये लूट लिए थे. जब बैंक को इस घपले की भनक पड़ी तो उन्होंने पुलिस को इसकी ख़बर दी. केरल और पंजाब की पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने ये कबूल किया कि दूसरे बैंकों से भी उनके गिरोह ने कई लाखों रुपये का घपला किया था. इस गैंग ने केरल और पंजाब के अलग-अलग बैंकों से क़रीब 2 करोड़ रुपये लूट लिये थे.
इसके बाद NPCI (National Payments Corporation of India) ने तुरंत एक निर्देश जारी कर बैंकों को आदेश कि वो ये नोट वापस जाने वाली सुविधा जल्द-से-जल्द बंद करें. RBI के अंतिम निर्देश के बाद इसे पूरे देश में लागू किया गया. अब ATM मशीनों में ये सुविधा बंद कर दी गयी है.
3- नोटों से भरी ट्रेन बोगी में लूट
8 अगस्त 2016 को तमिलनाडु के सेलम से चेन्नई जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में करोड़ों डकैती हुई थी. इस दौरान पैसेंजर ट्रेन की दो रिज़र्व बोगियों में ‘रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया’ के 342 करोड़ रुपये रखे थे. जिसकी हिफाज़त के लिए ट्रेन में 18 पुलिसवाले तैनात थे. लेकिन जब तक ट्रेन सेलम से विरधाचलम का 140 किमी. का सफ़र पूरा करती, तब तक ट्रेन में डाका पड़ चुका था.
लुटेरे बोगी में क़रीब 2 फ़ीट का छेद करके 5.78 करोड़ रुपये ले उड़े. इस मामले को सुलझाने में पुलिस को पूरे 730 दिन लगे. इस दौरान 2000 लोगों से पूछताछ की गई. लाखों कॉल डिटेल खंगाली गई और अंत में नासा से मदद ली गई. तब जाकर पता चला कि हिंदुस्तान की अब तक की सबसे बड़ी ट्रेन रॉबरी किसने की थी?
4- दिल्ली कैश वैन लूट
24 नवंबर 2015 डकैतों ने दिल्ली के एक प्राइवेट बैंक की कैश वैन से साढ़े 22 करोड़ रुपये लूट लिये थे. इस दौरान पैसे बक्सों में थे और लुटेरे बक्से अपने साथ ले गये. इस लूट को देश की अब तक की सबसे बड़ी लूट माना जाता है. इस लूट का मास्टरमाइंड कैश वैन का ड्राइवर ही निकला, जिसे दिल्ली पुलिस ने 3 दिन बाद ‘गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन’ के पास एक गोदाम से गिरफ़्तार किया था. इस दौरान पुलिस ने आरोपी से लगभग 22 करोड़ रुपये वसूल कर लिया था. इसमें से ड्राइवर ने कुछ पैसे का इस्तेमाल कपड़े और 1 घड़ी खरीदने के लिए किया था.
5- चेलेम्बरा बैंक डकैती
30 दिसंबर, 2007 को केरल के मलप्पुरम ज़िले में चेलम्बरा बैंक डकैती को अपराध इतिहास की सबसे बड़ी और सनसनीखेज डक़ैतियों में से एक माना जाता है. चेलेम्बरा के रिहायसी इलाके में स्थित एक बिल्डिंग के पहले फ़्लोर पर ‘Kerala Gramin Bank’ था. जबकि इसके ग्रांउड फ़्लोर को 4 लोगों ने रेस्टोरेंट बनाने के किराए पर ले लिया था. इस दौरान रेस्टोरेंट के गेट पर निर्माणकार्य का बोर्ड लगा दिया गया था.
लेकिन ये बैंक डकैती की साजिश की प्लानिंग थी इस बात की भनक किसी को भी नहीं लगी. 30 दिसंबर, 2007 की सुबह जब बैंक कर्मचारी ऑफ़िस पहुंचे तो देखा कि लॉकर रूम की फ़र्श पर एक बड़ा छेद बनाया गया है. जांच करने पर पता चला कि बैंक से 80 किलोग्राम सोना और 50 लाख रुपये ग़ायब हैं. इस दौरान बैंक से कुल 8 करोड़ रुपये की चोरी हुई थी.
6- सोनीपत बैंक डकैती
27 अक्टूबर 2014 को हरियाणा के गोहाना में सुरंग के ज़रिए बैंक लूटने का मामला सामने आया था. चोरी की इस अनोखी वारदात को देख हर कोई हैरान रह गया था. इस दौरान डकैतों ने ‘पंजाब नेशनल बैंक’ से कुछ दूरी पर स्थित एक मकान से बैंक तक 125 फुट लंबी सुरंग खोदकर इस चोरी को अंजाम दिया था. दरअसल, जिस वीरान मकान से बैंक तक सुरंग खोदी गई थी उसका मकान मालिक ही इस महाचोरी का मास्टरमाइंड था. इस दौरान पुलिस ने गिरफ़्तार किये गये 3 आरोपियों से 38.91 किलो के आभूषण और 60 हज़ार रुपये नगद बरामद किये थे. इस चोरी के मुख्य आरोपी ने बाद में ख़ुदकुशी कर जान दे दी थी.
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Source : ScoopWhoop
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