झारखंड से बाहरी राज्यों में काम करने जाने वाले मजदूरों की मदद और ट्रैकिंग के लिए पांच जिलों के रेलवे स्टेशनों पर श्रम विभाग लेबर कियोस्क लगा रहा है। इस कियोस्क पर राज्य के बाहर मजदूरी के लिए जाने वाले श्रमिकों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो सकेगा और लेबर कार्ड बनाया जाएगा।
कोल्हान में पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन पर कियोस्क लगाकर शुरुआत हुई है। इसके अलावा रांची, देवघर, धनबाद और कोडरमा जिले के रेलवे स्टेशन पर कियोस्क लगाया जा रहा है।
कियोस्क के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों का निबंधन किया जाएगा। इसमें श्रमिकों का आधार नंबर, बैंक खाता संख्या, स्थानीय पता और उनके कार्यस्थल का पूरा पता लिया जाएगा। इससे जिलावार श्रम विभाग के पास प्रवासी मजदूरों का डाटा रहेगा।
दुर्घटना व मृत्यु पर होती है मदद
श्रम विभाग में रजिस्टर्ड प्रवासी श्रमिकों को किसी भी तरह की आपदा होने पर सरकार की ओर से मदद की जाएगी। इसके अलावा किसी मजदूर की सामान्य मृत्यु होने पर 50 हजार रुपए, दुर्घटना में मृत्यु होने पर दो लाख रुपए तक की मदद सरकार की ओर से की जाती है। शव लाने में भी परिजनों की मदद की जाती है।
कोल्हान में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर चाईबासा में
कोल्हान प्रमंडल में सबसे अधिक प्रवासी मजदूर पश्चिमी सिंहभूम में ही हैं। पश्चिम सिंहभूम में 11 हजार रजिस्टर्ड मजदूर हैं, वहीं 63 हजार मजदूर कोरोना काल में बाहरी राज्यों से लौटे थे। पूर्वी सिंहभूम में 2100 प्रवासी श्रमिक है, वहीं 11 हजार मजदूर कोरोना काल में दूसरे राज्यों से लौटे थे। वहीं 2400 प्रवासी मजदूर सरायकेला में रजिस्टर्ड हैं।
यहां लग रहा कियोस्क:
- चक्रधरपुर
- हटिया
- जसीडीह
- धनबाद
- कोडरमा
3 महीने तक 5 जिलों के रेलवे स्टेशन पर लेबर कियोस्क लगाया जा रहा है। इन दिनों ही प्रवासी मजदूरों का ज्यादा आना-जाना होता है। ऐसे मे प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन ज्यादा होगा। उन्हें योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। – राजेश प्रसाद, संयुक्त श्रमायुक्त सह निदेशक न्यूनतम मजदूरी, झारखंड
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