झारखंड के निजी विश्वविद्यालयों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही स्टूडेंट्स को लुभावने ऑफर देते हुए एडमिशन के लिए बोला जा रहा है. हालांकि झारखंड में 12वीं का रिजल्ट जारी नहीं किया गया है. इसके बाद भी निजी विश्वविद्यालय स्टूडेंट्स को उन कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए विभिन्न तरह के ऑफर दे रहे हैं, जिन्हें संबंधित कौंसिल की ओर से मान्यता मिली ही नहीं है.
अच्छे परसेंटेज के साथ रिजल्ट देने का ऑफर
स्टूडेंट्स की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक उन्हें निजी विश्वविद्यालय किस्तों में फीस अदायगी, अटेंडेंस की बाध्यता से मुक्ति, नौकरी की सुनिश्चित, और अच्छे परसेंटेज के साथ रिजल्ट देने का ऑफर दे रहे हैं. ऐसा ही एक मामला फार्मेसी कोर्स को लेकर सामने आया है. रांची के वाईवीएन यूनिवर्सिटी और रामगढ़ के राधा गोविंद यूनिवर्सिटी की ओर से कई स्टूडेंट्स को ऑफर दिए गए हैं. जिन स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी की ओर से ऑफर दिए गए हैं. उनकी ओर से न्यूजविंग को जो जानकारी उपलब्ध कराई गई है. उसके मुताबिक फार्मेसी के बैचलर कोर्स के लिए 2022 सत्र में एडमिशन की मान्यता झारखंड के किसी भी निजी विश्वविद्यालय को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से नहीं दी गई है. स्टूडेंट की ओर से फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के उपलब्ध कराए गए लिंक में भी उक्त बात सामने आती है.
वेबसाइट पर उपलब्ध करानी होगी जानकारी
बताते चलें कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की ओर से यह स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी निजी शैक्षणिक संस्थान को संस्थान की मान्यता के साथ-साथ संबंधित काउंसिल से कोर्स की मान्यता भी लेनी होगी और उक्त मान्यता संबंधी जानकारी संस्थान को अपने वेबसाइट पर उपलब्ध करानी होगी. इसके अतिरिक्त शैक्षणिक संस्थान को संबंधित कोर्स की फीस, उस कोर्स में पढ़ाई कराने वाले शिक्षकों की जानकारी, एडमिशन के लिए निर्धारित सीट की संख्या आदि स्पष्ट रूप से वेबसाइट पर देनी है, लेकिन झारखंड के निजी विश्वविद्यालयों की वेबसाइट पर ना केवल फार्मेसी कोर्स बल्कि अन्य कोर्स की भी वह सभी जानकारी नहीं दी होती है. जिसे देने की अनिवार्यता यूजीसी ग्रांट कमिशन ने तय कर रखी है.
स्टूडेंट्स देख सकते हैं मान्यता संबंधी पत्र
संबंधित विश्वविद्यालय में कोर्स की मान्यता है या नहीं इस बाबत झारखंड फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष कौशलेंद्र कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अगर कोर्स की मान्यता संबंधी जानकारी विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर नहीं दे रखी है या संबंधित कोर्स की मान्यता देने वाली काउंसिल के वेबसाइट पर भी जानकारी नहीं है तो स्टूडेंट्स को नामांकन लेने से पहले संबंधित संस्थान से उक्त कोर्स की मान्यता संबंधी पत्र देने का अनुरोध करना चाहिए. वही फार्मेसी के बैचलर कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स ने जो जानकारी उपलब्ध कराई उसके मुताबिक संस्थान की ओर से उन्हें मान्यता संबंधी किसी तरह किसी तरह का पत्र दिखाने से इंकार कर दिया गया. संस्थान की ओर से उन्हें बताया गया कि यह गोपनीय पत्र होता है जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. जबकि यूजीसी के गाइडलाइन के मुताबिक मान्यता संबंधी जानकारी ओपन प्लेटफार्म पर रखना है.
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