झारखंड में अब एक लाख तक का लोन के लिए किसी गारंटर की आवश्यकता नहीं होगी। सोमवार को इसकी घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की। वे अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग व कल्याण विभाग के कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आसानी से लाभुकों को मिले, इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके लिए कागजी प्रक्रिया को आसान बनाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना समेत अन्य योजनाओं में अगर गारंटर की जरूरत होती है, तो वैसे लोगों को गारंटर बनाएं जो उनके पहचान के हों।
लोगों को आसानी से लोन मिले, इस पर सरकार का ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना सरकार की सबसे महत्वकांक्षी योजनाओं में एक है। इस योजना के लिए लोगों को आसानी से लोन मिल सके, इस पर सरकार का विशेष ध्यान है। अब एक लाख रुपए तक के लोन के लिए लाभुकों को कोई गारंटी नहीं देनी होगी। सीएम हेमंत सोरेन ने प्रमंडल स्तर पर एक बड़ा और सुसज्जित छात्रावास निर्माण के लिए एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया। ऐसे में छात्रवास के लिए न्यूनतम पांच एकड़ जमीन चिन्हित करने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत आवेदन करने वाले लाभुकों की अधिकतम उम्र सीमा को बढ़ाकर 50 वर्ष कर दी गई है।
नवंबर से मिलेगी छात्रवृत्ति, बच्चे का खाता होना अनिवार्य नहीं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के स्कूली बच्चों को प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान नवंबर महीने से करने का निर्देश दिया। राज्य में पहली बार प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि में बढ़ोतरी की गई है। अब यह राशि बढ़कर 15 सौ रुपए, 2500 रुपए और 4000 रुपये कर दी गई है। छात्रवृत्ति देने के लिए बच्चे का बैंक में बचत खाता और आधार से लिंक होना अनिवार्य नहीं होगा। बच्चे का खाता नहीं होने पर उसके अभिभावक के बैंक खाते में छात्रवृत्ति की राशि भेजी जानी है। इसके लिए बच्चे के नामांकन के दौरान ही उसके अभिभावक का बैंक अकाउंट की जानकारी ले लिया जाए।
पोर्टल से हो छात्रों की शिकायतों का ऑनलाइन निबटारा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छात्र-छात्राओं के लिए एक पोर्टल बनाने का निर्देश दिया है। इस पोर्टल पर छात्रों को शिक्षा से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी और इसी पोर्टल के जरिए छात्रों की शिकायतों का ऑनलाइन निपटारा की व्यवस्था होगी। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत अब जिला स्तर पर 10 हजार की जगह 25 हज़ार रुपए तक की सहायता राशि स्वीकृत करने की शक्ति दी गई है। अनाथ बच्चों की योजनाओं को उन्हें गोद लेने वाले परिवार के साथ टैग करने को कहा, ताकि ऐेसे बच्चों को एक सोसाइटी मिल सके।
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