झारखंड के पैरा टीचर्स (सहायक अध्यापकों) के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है। इसमें कई शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं। राज्य सरकार ने ऐसे पारा शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ उनसे मानदेय वसूली का निर्णय लिया है। इसके लिए स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने सभी जिलों को कार्रवाई करते हुए 31 जनवरी तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
राज्य में 61 हजार पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच की प्रक्रिया चल रही है। इसकी तारीख कई बार बढ़ाई गई है। अभी भी करीब आठ हजार से अधिक पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच नहीं हो पाई है। करीब 500 ऐसे हैं जिन्होंने सर्टिफिकेट जांच के लिए आवेदन नहीं किया, जिन्होंने अपना त्यागपत्र दे दिया, लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे और जिन्होंने सर्टिफिकेट दिया, लेकिन जांच में वह फर्जी निकला। इन सभी पर शिक्षा विभाग ने अलग-अलग कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने जिलों को कहा है कि वैसे पारा शिक्षक जिनका प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है, उनसे झारखंड सहायक अध्यापक सेवाशर्त नियमावली 2021 के अनुसार मानदेय की वसूली की जाए। साथ ही, उन पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट जिलों से 31 जनवरी तक मांगी गई
पारा शिक्षकों पर कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट जिलों से 31 जनवरी तक मांगी गई है। 31 जनवरी तक बचे पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच भी सुनिश्चित की जाएगी। जिलों से कहा गया है कि जिनके शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन विभिन्न बोर्ड व विश्वविद्यालयों में सत्यापन के लिए लंबित हैं, जिले 31 जनवरी तक उसकी जांच पूरी कराना सुनिश्चित करेंगे, ताकि सत्यापन के बाद पारा शिक्षक आकलन परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन भर सकें। जैक ने 10 फरवरी तक आवेदन भरने की अंतिम तिथि तय की है।
त्यागपत्र देने वाले पारा शिक्षकों की होगी जांच
करीब 133 पारा शिक्षकों ने प्रमाण पत्र जांच के दौरान अपना त्यागपत्र दे दिया है। शिक्षा विभाग ऐसे पारा शिक्षकों के त्यागपत्र देने के कारण की जांच करने का निर्देश दिया है। जांच में अगर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने का मामला सामने आया तो उनके मानदेय के भी वसूली की जा सकती है। वहीं, वैसे 107 पारा शिक्षक जो लंबे समय से स्कूल में उपस्थित नहीं हैं, उनके खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।
दो सौ शिक्षकों ने जांच के लिए नहीं दिए सर्टिफिकेट
करीब दो सौ अधिक पारा शिक्षकों ने जांच के लिए अपने सर्टिफिकेट जमा नहीं किये। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी डीईओ-डीएसई को ऐसे पारा शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया है। जिलों से कहा गया है कि वैसे सभी सहायक अध्यापक जिन्होंने प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए जमा नहीं किया है, उन्हें सेवामुक्त करने की कार्रवाई की जाए। साथ ही, जनवरी 2023 से मानदेय का भुगतान न हो इसे सुनिश्चित किया जाए।
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