रिम्स का एक्सटेंशन प्लान अब पूरी तरह तैयार है। जल्द ही रिम्स परिसर में नए-नए भवन का निर्माण शुरू होगा। इन प्रस्तावित भवनों के लिए रिम्स प्रबंधन ने स्थान का चयन कर लिया है। रिम्स में तीन नए भवन बनाने का प्रस्ताव तीन साल पहले तैयार हुआ था। इसमें सुपर-स्पेशियलिटी विंग का एक्सटेंशन, मदर एंड चाइल्ड यूनिट और आईपीडी-ओपीडी कॉम्प्लेक्स शामिल हैं। 1400 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद अब निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
भवन 6 या 7 मंजिला होगा
नए प्रस्ताव के तहत इन-पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) और आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) भवन डीआईजी ग्राउंड में बनाया जाएगा। यह भवन 6 या 7 मंजिला होगा। नीचे के दो तल्लों में ओपीडी संचालित होंगे, वहीं तल्लों में मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था होगी। ऑपरेशन थिएटर बनाए जाएंगे। जगह चिन्हित होने के बाद निदेशक डॉ. राजीव गुप्ता ने कहा कि कागजी प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण शुरू होगा। मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर पुराने रेजिडेंट्स क्वार्टर के सामने बनेगा।
निदेशक ने बताया कि सीबीआरएन का मतलब है केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर। यह यूनिट पूरी तरह से आपदा प्रबंधन के तहत बनेगा। किसी भी आपदा की स्थिति से निबटने के लिए रिम्स में अलग से यूनिट होगी। जैसे कहीं केमिकल रिएक्शन के कारण अधिक लोग संकट में आ जाएं, कहीं बायोलॉजिकल इफेक्ट के कारण लोग घायल हो गए। न्यूक्लियर ब्लास्ट या किसी नए वायरस के आने जैसी आपदा से निबटने के लिए इस यूनिट का निर्माण कराया जा रहा है।
कॉम्प्लेक्स में चिकित्सा परामर्श के बाद भर्ती होंगे मरीज
रिम्स निदेशक डॉ. राजीव कुमार गुप्ता के अनुसार, सुपर-स्पेशियलिटी विंग-2 की जगह सुपर-स्पेशियलिटी (कार्डियोलॉजी बिल्डिंग) और आंकोलॉजी बिल्डिंग के बीच में तय की गई है। सुपर-स्पेशियलिटी विंग-2 को खासतौर पर न्यूरोसर्जरी और न्यूरोलॉजी के लिए समर्पित किया जाएगा।
वर्तमान में न्यूरोसर्जरी में इलाज कराने वालों को काफी परेशानी होती है। भर्ती होने की स्थिति में गंभीर मरीजों को फर्श पर पड़े-पड़े इलाज कराना पड़ता है। नए भवन में न्यूरोसर्जरी शिफ्ट होने से हमेशा के लिए इस समस्या से निजात मिल जाएगी। नए भवन में दो फ्लोर न्यूरोसर्जरी के लिए डेडिकेटेड होंगे।
39 करोड़ से 50 बेड का अलग क्रिटिकल केयर भवन भी बनेगा
प्रस्तावित तीन भवनों के अलावा दो और भवनों के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। इसमें क्रिटिकल केयर भवन और सीबीआरएन भवन शामिल हैं। डॉ. राजीव गुप्ता के अनुसार, केंद्र की ओर से रिम्स को 50 बेडेड क्रिटिकल केयर भवन निर्माण के लिए दिया गया है।
39 करोड़ की लागत से इसका निर्माण होना है। इसके निर्माण के लिए स्थान चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। क्रिटिकल केयर भवन के लिए ट्रॉमा सेंटर के पीछे बने बीएसएनएल ऑफिस को हटाने का निर्णय लिया गया है। इसी स्थान को नए भवन का निर्माण किया जाएगा।
पेड़ों में की जा चुकी है नंबरिंग, कटाई शुरू
नए भवनों के निर्माण शुरू होने का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि रिम्स परिसर में स्थिति बड़े-बड़े पेड़ों के कटाई के लिए नंबरिंग की जा चुकी है। पेड़ों की नंबरिंग डेंटल कॉलेज के सामने से लेकर नए गर्ल्स हॉस्टल के रास्ते से लेकर ब्वॉयज हॉस्टल तक में कर ली गई है। इनकी कटाई भी प्रबंधन ने शुरू करा दी है।
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