मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग के लिफाफे को लेकर राज्यपाल रमेश बैस ने चुटकी लेने वाले अंदाज में जवाब दिया। शुक्रवार को पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि आपके पास जो लिफाफा आया है, वह कब खुलेगा तो राज्यपाल ने कहा, वह इतनी जोर से चिपका है कि खुल ही नहीं रहा। यह कहते हुए राज्यपाल मुस्कुराते हुए निकल गए। वे शुक्रवार को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत का शुभारंभ करने के बाद लौट रहे थे।
बता दें कि मामले को लेकर बीते 25 अगस्त को चुनाव आयोग ने राज्यपाल को एक लिफाफा भेजा है। लिफाफे में बंद आयोग के मंतव्य को जानने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी राज्यपाल से मिल चुके हैं। लेकिन 23 दिन बाद भी लिफाफे में बंद मंतव्य बाहर नहीं आ पाया है। पक्ष विपक्ष सभी को उसके खुलने का इंतजार है। शुक्रवार को आड्रे हाउस के कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, सांसद महुआ माजी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरूण कुमार सिंह, स्वास्थ्य मिशन के एमडी भुवनेश प्रताप सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
सीएम को मंतव्य की प्रति देने से आयोग का इनकार
निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उनकी अयोग्यता को लेकर राज्यपाल को दिए गए मंतव्य की प्रति देने से इनकार कर दिया है। आयोग ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 192 (2) के तहत आयोग और राज्यपाल के बीच संवाद विशेषाधिकार के दायरे में आता है। राज्यपाल के आदेश पास करने के पहले इसका खुलासा करना संवैधानिक मर्यादा का उल्लंघन होगा।
मुख्यमंत्री ने अधिवक्ता के माध्यम से 15 सितंबर को आयोग से यह कहते हुए मंतव्य की प्रति मांगी थी कि आयोग ने मामले की सुनवाई न्यायिक पैनल की तरह की थी। इस कारण मंतव्य उन्हें भी उपलब्ध कराया जाए। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि एक मामले में पहले भी आयोग से राज्यपाल को दिए गए मंतव्य की कॉपी मांगी गयी थी, लेकिन कोर्ट ने मंतव्य की प्रति देने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था।
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