जगन्नाथपुर थाने की पुलिस ने डेढ़ साल की बच्ची आद्या का शव सोमवार को धुर्वा डैम से बरामद कर लिया है। बच्ची को शव डैम के पानी में तैर रहा था। सुबह में स्थानीय लोगों की नजर शव पर पड़ी।
स्थानीय लोगों ने दी थी पुलिस को सूचना
स्थानीय लोगों की सूचना पर जगन्नाथपुर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और डैम से बच्ची का शव बरामद किया। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया। पुलिस के अनुसार आरोपी अमित उस समय तक डैम में खड़ा रहा, जब तक कि आद्या डूब नहीं गई थी।
आरोपी अमित ने पत्नी और पुलिस की आंख में धूल झोंकने का पूरा प्रयास किया। शनिवार को जब उसे पत्नी ने आद्या के गायब होने की सूचना दी, इसके बाद वह सीधे पत्नी के पास पहुंचा और उसे लेकर जगन्नाथपुर थाना पहुंच गया। पुलिस को घटना की पूरी जानकारी दी। इसके बाद वह पत्नी को साथ लेकर थाने से निकला और क्वाटर पहुंचा। उसने बच्ची आद्या को खोजने के लिए शनिवार को एक ई रिक्शा भाड़े पर लिया। उसमें पत्नी के साथ वह जगन्नाथपुर और धुर्वा इलाके में घूमा। लाउडस्पीकर के जरिए बच्ची का हुलिया बताकर उसे खोजने की अपील भी कर रहा था। शनिवार देर रात तक पति और पत्नी ने बच्ची को खोजा।
पति-पत्नी के बीच शक बना खराब रिश्ता की वजह
पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी मिली है कि आरोपी अमित और उसकी पत्नी के बीच संबंध में दरार थी। अवैध संबंध को लेकर दोनों के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था। आरोपी पति को यह शक था कि उसकी पत्नी ममता का किसी युवक के साथ अवैध संबंध है। बच्ची आद्या भी उसकी संतान नहीं है। वहीं पत्नी को यह संदेह था कि उसका पति का किसी लड़की के साथ अवैध संबंध है। इसको लेकर दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि वे एक-दूसरे से तलाक लेना चाहते थे।
लेकिन आरोपी अमित को लगता था कि बच्ची उनके तलाक में बाधा बन सकती है, जिस कारण वह बच्ची को ही रास्ते से हटा दिया। पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि दूसरे की बच्ची को वह पाल नहीं सकता है। जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अरविंद सिंह ने बताया कि आरोपी को जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।
आरोपी पिता को गिरफ्तार कर पूछताछ जारी
मामले में पुलिस ने आरोपी पिता अमित कुमार को गिरफ्तार कर पूछताछ की। पुलिस के अनुसार ममता कुमारी से पूछताछ करने पर पुलिस को उसके पति से चल रहे विवाद की जानकारी मिली, पुलिस और जानकारी जुटा रही थी।
साइकोसिस की वजह से ऐसा करते हैं लोग
रिनपास के वरीय मनोचिकित्सक डॉ सिद्धार्थ सिन्हा ने बताया कि अधिकतर मामलों में साइकोसिस के कारण लोग ऐसा करते हैं। साइकोसिस में लोग रियालिटी से टच खत्म कर देते हैं और सिर्फ खुद में रहकर और खुद के हिसाब से जीते हैं। इसके अलावा सोशियो इकोनॉमिक कारण और बाइपोलर डिसऑर्डर महत्वपूर्ण कारण हैं।
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