मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पांच जुलाई को राज्य की नई सोलर नीति लांच करेंगे। इस नीति के तहत राज्य में 2027 तक निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी से चार हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिये कई प्रावधान किये गये हैं। झारखंड में बंजर भूमि की उपलब्धता और वर्ष में 300 दिन धूप खिलने के कारण सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक संभावनाएं हैं।
तीन लाख वार्षिक आय वाले लोगों को अपने घर में तीन किलोवाट तक का सोलर प्लांट लगाने पर 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी जबकि तीन से दस किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने पर 80 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। दूसरी ओर आजीविका परियोजनाओं के लिए तीन किलोवाट तक का सोलर संयंत्र लगाने पर 60 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। तीन से दस किलोवाट की स्थिति में अनुदान 40 प्रतिशत दिया जाएगा।
सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों जैसे कृषि उत्पादों के लिए सोलर ड्रायर, सौर ऊर्जा से चलने वाले कोल्ड स्टोरेज, सोलर डिसेलिनेशन, सोलर चरखा और अन्य को बढ़ावा दिया जाएगा। दूसरी ओर कुसुम योजना जैसे कृषि उपकरणों के लिये 30 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान है।
राज्य में करीब 45 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा
झारखंड नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (जरेडा) के परियोजना निदेशक विजय कुमार सिन्हा के मुताबिक इस समय राज्य में करीब 45 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। अगले दो से तीन महीने में निजी क्षेत्र की भागीदारी से 100 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू हो जाएगा। नई नीति प्रगतिशील और निवेशक के अनुकूल है।
कई अन्य परियोजनाएं जैसे सौर फ्लोटिंग परियोजनाएं और नहर पर सोलर परियोजनाओं को नई नीति में शामिल किया गया है। जानकारी के अनुसार पूर्व में अगस्त 2015 के दौरान 2020 तक 2,650 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लक्ष्य के साथ सौर ऊर्जा नीति अधिसूचित की गई थी। रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को बढ़ावा देने के लिए ‘झारखंड सोलर रूफटॉप पॉलिसी, 2018’ भी लॉन्च की गई थी। लेकिन, भूमि और प्रोत्साहन के पहलुओं पर निवेशकों को आकर्षित करने में खास सफलता नहीं मिली।
सोलर नीति की खासियत
- डिस्कॉम की बिजली खरीद में 2023-24 तक सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 12.5 प्रतिशत तक करना
- 2027 तक राज्य में 4000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन
- सोलर पार्क, सोलर ग्रिड, रूफटॉप सोलर सिस्टम, ऑफ ग्रिड सिस्टम को बढ़ावा
- निजी क्षेत्र को निवेश के लिये प्रोत्साहित करने के लिये आकर्षित करने वाले प्रावधान व छूट
- कम्युनिटी सोलर के माध्यम से सोलर शहर, गांव और सोलर जिलों का विकास
- नई सौर आधारित आजीविका गतिविधियों, रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए व्यापार मॉडल और राज्य में एक उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना
- रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सभी भौगोलिक क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना
- दूर-दराज के क्षेत्रों में ग्रामीण उपभोक्ताओं को अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी प्रदान करें, जो ऑफ-ग्रिड हैं
स्टांप ड्यूटी माफ
सोलर प्लांट लगाने पर लीज डीड, भूमि खरीद पर स्टांप ड्यूटी में 100 फीसदी छूट। सोलर परियोजनाओं के लिए भू उपयोग में परिवर्तन की स्थिति में कन्वर्जन शुल्क माफ किया जाएगा। इसके अलावा कई तरह के करों में छूट और सहूलियत दी जा रही है।
घरों में सोलर संयंत्र लगाने पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी
तीन लाख वार्षिक आय वाले लोगों को अपने घर में तीन किलोवाट तक का सोलर प्लांट लगाने पर 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। जबकि तीन से दस किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने पर 80 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। कृषि क्षेत्र में 30 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
एकल खिड़की सुविधा
राज्य में जरेडा सोलर प्लांट लगाने के लिये एकल खिड़की सुविधा की सुविधा देगा। हर तरह का क्लीयरेंस एक ही जगह पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके माध्यम से 60 दिनों के भीतर समयबद्ध तरीके से सभी वैधानिक मंजूरी और अनुमोदन प्रदान किए जाएंगे।
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