विप्रो की सीएसआर इकाई अजमी प्रेमजी फाउंडेशन झारखंड में अपनी तीसरी यूनिवर्सिटी खोलने को तैयार है। इसके लिए फाउंडेशन लगभग 14 सौ रुपये खर्च करने वाली है। राज्य सरकार ने इसके लिए फाउंडेशन को ईटकी स्थित ट्यूबरक्लोसिस सेनेटोरियम की जमीन उपलब्ध करायी है। फाउंडेशन की ओर से इस जमीन की 80 फीसदी राशि सरकार को दी जा चुकी है।
राज्यपाल की मिली अनुमति
राज्यपाल से इसकी अनुमति बाकि थी। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने ट्यूबरक्लोसिस सेनेटोरियम (रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग) संशोधन अधिनियम-2023 की स्वीकृति प्रदान कर दी है। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद विधि विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही ईटकी ट्यूबरक्लोसिस सेनेटोरियम (रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग) अधिनियम-1951 (यथा अंगीकृत) को निरस्त कर दिया गया है। अब निर्माण कार्य का रास्ता साफ हो गया है। यहां मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी बनायी जाएगी।
99 साल की लीज पर मिली है जमीन
ईइटकी सेनेटोरियम में लगभग 300 एकड़ जमीन है। यह जमीन स्वास्थ्य विभाग की है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को इसमें से लगभग 146 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर पहले ही मंजूरी दे गयी थी। यहां जो जमीन अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी को दी गयी है वह 99 साल की लीज पर दी गयी है। आ रही जानकारी के अनुसार इस विवि को खोलने के लिए लगभग 1400 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी के अतिरिक्त अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने झारखंड में आइटी पार्क स्थापित करने का भी विचार किया है। इसके लिए लगभग तीन हजार करोड़ रुपये निवेश करने की संभावना है।
झारखंड में होगा तीसरा विवि
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन का झारखंड में तीसरा विवि होगा। सबसे पहले अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने साल 2010 में पहला विवि बेंगलुरु में 110 एकड़ में खोला है। दूसरा विवि भोपाल में खोला है। तीसरा विवि रांची में बना रहा है। वहीं चौथा विवि पूर्वोत्तर में स्थापित करेगा। विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी ने पिछले दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की थी।
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