केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए हर लाभुकों का सत्यापन करने का अभियान शुरू किया गया है। अब वृद्धावस्था, निराश्रित, नि:शक्त, आदिम जनजाति और एचआईवी पीड़ित लाभुकों को खुद का प्रमाण देना होगा। ग्रामीण क्षेत्र के लाभुकों को पंचायत सचिव और प्रखंड कार्यालय में उपस्थित होकर बताना होगा कि वही पेंशनर हैं।
वहीं शहरी क्षेत्र के लाभुकों को अपने क्षेत्र से संबंधित अंचल कार्यालय में पहुंचकर खुद का सत्यापन कराना होगा। रांची डीसी राहुल कुमार सिन्हा के निर्देश पर जिले के करीब 2.48 लाख लाभुकों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस दौरान उन्हें अपना आधार और मोबाइल नंबर भी अपडेट कराना होगा, ताकि सभी लाभुकों के खाते से आधार और मोबाइल नंबर जुड़ जाए।
सत्यापन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई
उन्हें भविष्य में कोई परेशानी न हो। सहायक सामाजिक सुरक्षा पदाधिकारी रवि मिश्रा ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लाभुकों के सत्यापन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई है। सभी लाभुकों के नाम से अलग-अलग फॉर्म तैयार किए गए हैं। जिस लाभुक के नाम का फॉर्म होगा, सिर्फ वही उसे भरेंगे। साथ में आधार नंबर और मोबाइल नंबर भी दर्ज करेंगे। कार्यालय में उपस्थित होने पर कर्मचारी सत्यापन करके संबंधित लाभुकों का डेटा तैयार करके भेजेंगे, जिसे पोर्टल में अपलोड किया जाएगा। इसके बाद लाभुकों को पेंशन मिलने में किसी तरह की समस्या नहीं होगी और न उनके नाम कोई दूसरा पैसे उठा पाएगा।
नए लाभुकों के जुड़ सकेंगे नाम
कई लाभुकों की मौत हो चुकी है। लेकिन अभी भी उनके खाते में पैसे जा रहे हैं। वहीं कई ऐसे लोग हैं, जिनका नाम अभी तक सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं से नहीं जुड़ा है। सत्यापन के बाद ऐसे लोगों का पता चल जाएगा, जिनकी मौत हो चुकी है। उनकी जगह नए लोगों के नाम जोड़े जाएंगे और उन्हें लाभ मिलेगा।
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