जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम) के 77 प्रतिशत लोग साइबर क्राइम के शिकार बन रहे हैं। आंकड़ों के अध्ययन के बाद जमशेदपुर पुलिस ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, घर बैठे पैसा कमाने या सस्ता सामान खरीदने के चक्कर में फंस कर लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। शहरी के साथ-साथ ग्रामीणों को भी साइबर ठग अपने झांसे में ले रहे हैं।
साइबर अपराध पर नियंत्रण मुश्किल
साइबर अपराध के अधिकांश मामलों में लालच के कारण ही लोग रुपये गंवा रहे हैं। ठगों की ओर से ऑनलाइन सस्ते दर पर सामान, एक क्लिक पर पैसा ट्रांसफर जैसे स्किमों का झांसा देकर लोगों को फंसाया जा रहा है। साइबर ठग फोन कर बातचीत के दौरान लोगों को झांसे में लेते हैं। ठगों की बातों में आकर लोग वे जैसा बोलते हैं वैसा करते हुए अपने रुपये गंवा देते हैं। साइबर क्राइम के 170 मामलों में 132 पैसों से संबंधित आंकड़े बताते हैं कि लालच के कारण ही 77 प्रतिशत लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। साइबर थाना में सर्वाथिक वित्तीय अपराध के मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस के अनुसार, एक साल में 170 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 132 मामले वित्तीय साइबर क्राइम के थे। इसमें पढ़े-लिखे लोग भी लालच के कारण ठगों के झांसे में आकर अपने रुपये गंवा रहे हैं।
फर्जी फोन कॉल और वेबसाइट का सहारा
साइबर अपराधी लोगों को फंसाने के लिए फर्जी कॉल, वेबसाइट का प्रयोग करते हैं। यहां तक की फर्जी लेटर भी लोगों के घरों तक पहुंचाते हैं। इसके अलावा जालसाज मोबाइल पर खुद को बैंक का अधिकारी बताकर बैंक अकाउंट में बाहर से रुपये आने और उसे प्रोसेस करने का झांसा देकर निजी जानकारी इक्कठा करते हैं। जानकारी लेने के बाद ठगी की जाती है।
लालच बना साइबर ठगों का हथियार
साइबर अपराधी लोगों को झांसे में लेने के लिए विभिन्न प्रकार के लालच देते हैं। नए मामलों में सब्सक्राइबर बढ़ाने का झांसा दिया जा रहा है। वहीं, रुपये दोगुना करने का लालच भी दिया जाता है। इसके अलावा साइबर ठगों की ओर से नौकरी दिलाने या पैसे कमाने का लालच देकर इंटरनेट के जरिए लोगों साइबर थाना प्रभारी उपेंद्र मंडल ने बताया कि जब कोई बहुत सस्ता ऑफर देकर झांसे में ले रहा है। एक क्लिक करने और सब्सक्राइबर बढ़ाने के नाम पर आपको पैसे भेज रहा है, तो समझ लीजिए कि आपको फंसाया जा रहा है। इससे बचने की जरूरत है।
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