
जिले के सभी 11 प्रखंड में एक-एक मेगावाट की क्षमता वाले सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जाएगी। एक सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए 4-5 एकड़ भूमि की जरूरत होगी जहां साल के 365 दिनों में से 300 से 325 दिन सूर्य की रोशनी सीधे उस भूमि पर पड़ती हो। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जाएगी।
प्लांट की स्थापना पर करीब 4.87 करोड़ रुपए
एक प्लांट की स्थापना पर करीब 4.87 करोड़ रुपए की लागत आएगी। झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड की ओर से पूर्व में बनाए पावर सब स्टेशन के तीन से चार किलोमीटर के दायरे में सौर पावर प्लांट की स्थापना की जाएगी। झारखंड सरकार की ओर से जिला प्रशासन को मिले आदेश के आलोक में एडीसी जयदीप तिग्गा ने जिले के सभी अंचलाधिकारियों को पत्र लिखकर भूमि चिह्नित कर सूचना देने को कहा है। सौर ऊर्जा ग्रिड से बिजली का उत्पादन पर्यावरण संतुलन के लिए काफी सहायक होता है।
एक प्लांट से 1 किलोवाट खपत की क्षमता वाले 1000 घरों में हो सकेगी आपूर्ति
1 मेगावट सौर ऊर्जा उत्पादन का मतलब एक हजार किलोवाट बिजली का उत्पादन होता है। इससे 100 केवीएम की क्षमता वाले 10 ट्रांसफॉर्मर में बिजली की आपूर्ति की जा सकती है। साथ ही एक किलोवाट की खपत करने वाले एक हजार घरों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति की जा सकेगी। झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड के पावर सब स्टेशन के समीप सोलर पावर प्लांट की स्थापना के पीछे यह तर्क है कि अगर खपत से ज्यादा बिजली का उत्पादन सौर पावर प्लांट में होता है तो सौर ऊर्जा ग्रिड से अतिरिक्त बिजली झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड के पावर सब स्टेशन में आपूर्ति की जाएगी।

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