युवाओं को संवैधानिक मूल्यों, वैज्ञानिक चिंतन,और रचनात्मक कौशल विकास हेतु प्रेरित किया गया
राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर 12 जनवरी को शहर के सामाजिक संगठनों के सहयोग से युवा संवाद महोत्सव – “मजमा 2025” का आयोजन द डिस्को टेक्निकल प्रोविजनल एसोसिएशन लाइब्रेरी के युवा साथियों द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें युवाओं को संवैधानिक मूल्यों, वैज्ञानिक चिंतन,और रचनात्मक कौशल विकास की भावना को समझने और अपनाने हेतु प्रेरित किया गया।
यह कार्यक्रम छात्रों और युवाओं के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया था, ताकि वे अपने विचार साझा कर सकें, रचनात्मक क्षेत्रों में करियर की संभावनाओं का अन्वेषण कर सकें और सामूहिक रूप से सीखने और बढ़ने का अवसर प्राप्त कर सकें।
पेडमैन के नाम से मशहूर तरुण कुमार ने अपनी संघर्ष-गाथा सभी से साझा की
सुबह दस बजे से ही यहां युवाओं का जुटना शुरू हुआ, जहां विभिन्न पुस्तकों को प्रदर्शनी लगाई गई थी। इसके अलावे पूरे परिसर में विभिन्न प्रकार के पोस्टर्स लगाए गए थे, साथ ही सुन्दर एवं आकर्षक पेंटिंग्स भी युवाओं को आकर्षित कर रही थीं. मंच बहुत ही अच्छा सजाया गया था. जहां ख़ास तौर पर युवा संवाद का आयोजन किया गया. युवाओं ने अपनी बातें रखीं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. संवाद के दौरान विशेष रूप से झारखण्ड के पेडमैन के नाम से मशहूर तरुण कुमार ने आयोजक प्रेम शर्मा के सवालों का उत्तर देते हुए अपनी संघर्ष-गाथा सभी से साझा की. उन्होंने बताया कि कैसे वे सुदूर आदिवासी इलाकों में विशेष रूप से माहवारी स्वच्छता को लेकर किशोरियों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया और उस राह उन्हें कौन-कौन सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
गजेन्द्र ने गिटार की धुन पर अपना लिखा हुआ और कंपोज़ किया हुआ एक गीत सुनाया
इस दौरान लिटिल इप्टा के बच्चों ने दो जनगीत गाए और दर्शकों की वाहवाही लूटी. ख़ास तौर पर बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकार गजेन्द्र ने गिटार की धुन पर अपना लिखा हुआ और कंपोज़ किया हुआ एक गीत सुनाया, जिस पर वहां मौजूद युवा दर्शकों खूब तालियां बटोरी. रेनू तिवारी ने महभारत की गांधारी का एक अभिनय किया. अभिनेता, कवि और स्टेज पर्फोर्मेर सुशांत कुमार ने अपनी रचित कुछ कविताएं सुनाई और युवाओं में जोश भर दिया. रंगकर्मी-अभिनेता बबलू राज ने भी अपने अनोखे अंदाज से अपनी अलग-अलग प्रस्तुतियां देकर लोगों का खूब मनोरंजन किया.
लघु फिल्मों और वृतचित्रों की स्क्रीनिंग
इसके बाद अंत में शाम साढ़े छह बजे से रात आठ बजे तक कुछ ऐसी लघु फिल्मों और वृतचित्रों की स्क्रीनिंग की गई, जिन्हें इस पुस्तकालय से जुड़े व स्थानीय कलाकारों ने अभिनय किया है या मेकर्स ने बनाया है. अंत में लिट्टी-चोखा का सभी ने आनंद लिया और इस तरह से स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन की 161 वीं वर्षगांठ एवं संविधान के स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर सिदगोड़ा पुस्तकालय परिसर में आयोजित युवा संवाद -मजमा 2025 का सफल समापन हुआ.
इसे सफल बनाने में प्रेम शर्मा के अलावे मुख्य रूप से निलेश, राज रंजन, सिमरन शर्मा, सोनाक्षी, चंदन, अंकुर शाश्वत, प्रदीप रजक, बबलू राज आदि का अहम योगदान रहा. ।
कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियां रहीं
1. युवा संवाद : संवैधानिक मूल्यों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर चर्चा।
2. प्रदर्शनियां : अभिनय, चित्रकला, मूर्तिकला, पत्रकारिता, और सामाजिक कार्य जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में करियर आधारित विकल्पों का प्रदर्शन।
3. खुला मंच (ओपन माइक) : युवाओं को अपने विचार, कविताएँ, और रचनात्मकता प्रस्तुत करने का अवसर।
4. इंटरएक्टिव सत्र : विशेषज्ञों के साथ संवाद और कौशल विकास पर कार्यशालाएँ।
5. खेल और अन्य गतिविधियाँ : टीम निर्माण और मनोरंजन के लिए।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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