राज्य में कोर्ट मैरेज का चलन काफी बढ़ गया है। ऐसा हम नहीं बल्कि कोर्ट मैरेज के आंकड़े बता रहे हैं। ये आंकड़े जिला अवर निबंधक के पास सीधा मैरेज करने और शादी के बाद रजिस्ट्रेशन कराने से जुड़ा है। आंकड़े को देखें तो राज्य के प्रमुख शहरों में जमशेदपुर ऐसा शहर है जहां कोर्ट मैरेज सबसे ज्यादा होते हैं। कोर्ट मैरेज रजिस्ट्रेशन के साल 2022 के आंकड़े को देखें तो इसमें जमशेदपुर में 2498 विवाह कोर्ट में हुए हैं। वहीं रांची में 1183 और धनबाद में 361 विवाह हुआ है। अकेले स्पेशल मैरेज एक्ट के तहत बीते साल से लेकर इस महीने तक 33 हजार विवाह हुए हैं।
ऐसे होता है विवाह
आम बोलचाल में हम जिसे कोर्ट मैरेज कहते हैं वो दो तरह से किए जाते हैं। दोनों तरह के विवाह स्पेशन मैरेज एक्ट के तहत होता है। इसमें पहले तरह का विवाह एक्ट की धारा-5 के तहत किया जाता है। इसमें जोड़ा अवर निबंधक सह विशेष विवाह पदाधिकारी के सामने एक दूसरे को पति-पत्नी के रूप में स्वीकार करते हैं। दूसरे तरह का विवाह एक्ट की धारा 15 के तहत होता है। इसमें पारिवारिक सहमति से विवाह होता है। इसके बाद शादी की रजिस्ट्रेशन कराते हैं।
साल 2022 में हुए 2417 विवाह
आंकड़े बताते हैं कि जमशेदपुर में स्पेशल मैरिज एक्ट के दोनों धारा के तहत 2417 विवाह हुए हैं। इसमें धारा-5 के तहत जिला अवर निबंधक सह विशेष विवाह पदाधिकारी के सामने 2022 में 1247 विवाह हुए। इसके अलावा धारा 15 के तहत पारिवारिक सहमति से विवाह के बाद रजिस्ट्रेशन कराने वाले लोगों की संख्या साल 2022 में 1170 हैं।
सीएम कन्यादान योजना बड़ी वजह
आधिकारिक रूप से तो नहीं लेकिन जानकारी के मुताबिक इस तरह से विवाह करने वाले लोगों की संख्या में अचानक से बढ़ोत्तरी की वजह मुख्यमंत्री कन्यादान योजना को माना जा रहा है। शादी की कुल संख्या में बीपीएल से आने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। दरअसल सीएम कन्यादान योजना के तहत नवविवाहित जोड़ों को समाज कल्याण विभाग की ओर से नकद लाभ दिए जाते हैं। इसमें अनिवार्य रूप से विवाह निबंधन कराने का सबूत देना पड़ता है।
कम होते हैं हिन्दू विवाह और आनंद विवाह
वहीं बात जमशेदपुर में हिंदू मैरेज एक्ट और आनंद विवाह की करें तो इनकी संख्या नहीं के बराबर है। जैसा कि नाम से पता चलता है हिंदू मैरेज एक्ट के तहत हिंदू विवाह करते हैं। वहीं आनंद विवाह सिखों में प्रचलित है। हिंदू मैरेज एक्ट के तहत 12 साल में महज 459 विवाह हुए हैं। वहीं 2017 में लागू हुए आनंद विवाह छह साल में केवल 26 हुए हैं।
हिंदू विवाह के आंकड़े
साल आंकड़े
- 2010 : 3
- 2011 : 8
- 2012 : 11
- 2013 : 22
- 2014 : 17
- 2015 : 26
- 2016 : 47
- 2017 : 39
- 2018 : 82
- 2019 : 64
- 2020 : 20
- 2021 : 44
- 2022 : 76
आनंद विवाह के आंकड़े
साल आंकड़े
- 2017 : 3
- 2018 : 8
- 2019 : 9
- 2020 : 0
- 2021 : 1
- 2022 : 5
क्यों नहीं पॉपुलर हैं ये दोनों विवाह
हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत होने वाली शादियां और सिखों के आनंद विवाह को लेकर लोगों का रुझान कम है। इसकी एक वजह यह बताई जाती है कि इसकी विदेशों में मान्यता नहीं है।
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!