जमशेदपुर समेत राज्य भर में करीब 17 लाख बच्चों का बैंक खाता नहीं खुल सका है। इस वजह से पाेशाक समेत सरकार से मिलने वाली अन्य मदाें की राशि बच्चाें तक नहीं पहुंच रही है। इसके अलावा जिन बच्चों का एकाउंट खुला है, उससे बैंकों द्वारा अलग-अलग मद में कटौती की जा रही है। इस पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के.रवि कुमार ने आपत्ति जताते हुए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के महाप्रबंधक को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा है- शैक्षणिक विकास के लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सभी को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा देने के लिए छात्र-छात्राओं को पोशाक, जूता-मोजा, पाठ्य-पुस्तक, छात्रवृत्ति एवं कॉपी-पेंसिल इत्यादि की राशि उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जा रही है। लेकिन राज्य भर में लगभग 17 लाख छात्र-छात्राओं के बैंक खाते अब भी नहीं खोले जा सके हैं। जिन छात्रों के बैंक खाते खोले गए हैं, उनके खातों से भी बैंक के द्वारा विभिन्न प्रकार की कटौतियां दण्ड स्वरूप कर ली जाती है। .
इस कारण छात्रों को पठन-पाठन की सामग्रियों के क्रय किये जाने में कठिनाई हो रही है। राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की हैसियत से इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए राज्य के सभी स्तरों पर सभी बैंकों को खाता खोलने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया जाए। प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में विद्यालय के नजदीक कैंप आयोजित कर सभी छात्रों का बैंक खाता खोलवाने के संबंध में बैंकों से समन्वयन कराया जाए।
31 तक नहीं खुला बैंक अकाउंट तो लैप्स हो जाएगी 10 हजार बच्चों के पोशाक की राशि
पूर्वी सिंहभूम के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में पढ़ाई करने वाले करीब 10000 बच्चों का अब तक खाता नहीं खुल सका है। जबकि इस वित्तीय वर्ष में सिर्फ 2 दिन शेष है। ऐसे में अगर इन 2 दिनों में बैंक खाता खोलकर पोशाक से संबंधित राशि नहीं भेजी गई तो बच्चों के पोशाक की राशि लैप्स हो जाएगी। विदित हो कि खाता खोलने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बीईईओ का वेतन काटने की चेतावनी देने के बावजूद भी किसी बच्चे का खाता नहीं खुल सका है। खाता नहीं खुलने की वजह से बच्चों के अकाउंट में डीबीटी के माध्यम से पोशाक व छात्रवृत्ति की राशि नहीं भेजी जा सकी है।
192 करोड़ का बजट तैयार:
नए वित्तीय वर्ष के लिए पूर्वी सिंहभूम शिक्षा विभाग ने कुल 192 करोड़ रुपए का बजट तैयार किया है। पिछले साल जिले को 86 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया था। नए बजट में कई प्रकार की नई योजनाएं शुरू करने की बात कही गई है। बजट की करीब 50% से अधिक राशि शिक्षकों के वेतन पर खर्च होगी। इसके अलावा जिले में शैक्षणिक गतिविधियों पर आधारित कई कार्यक्रम शुरू करने की याेजना है।
हर साल छह लाख नए बच्चे हाेते हैं नामांकित :
शिक्षा सचिव ने अपने पत्र में कहा- अब तक लगभग सत्रह लाख छात्र-छात्राओं का बैंक खाता नहीं खुला है। प्रत्येक वर्ष छह वर्ष की आयु वाले लगभग छह लाख नए छात्रों का नामांकन किया जाता है। पत्र में भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों का हवाला देते हुए विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के बेसिक सेविंग अकाउंट खोलने को कहा।
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