रमजान को लेकर तरह-तरह के व्यंजन बाजार में हैं, लेकिन इस बार स्पेशल बाकरखानी की ज्यादा मांग है। ड्राईफ्रूट बाकरखानी से लेकर साधारण पास्तु बाकरखानी की मांग बाजार में है। पहले रोजा से ही शहर के मुस्लिम बहुल इलाके गुलजार हो गए हैं।
मानगो से धतकीडीह, जुगसलाई, साकची और शास्त्रीनगर में रमजान का बाजार सजने लगा है। मस्जिदों के आसपास इफ्तार और सहरी की चीजें बिकने लगी हैं। शाम चार बजे से इन चीजों की खूब बिक्री हुई और मस्जिदों के आसपास सजे बाजार में खरीदारों की जमकर भीड़ उमड़ी।
रमजान में हो सकता है निकाह : काजी सऊद आलम
इमारत शरिया के काजी मौलाना सऊद आलम कासमी के पास एक मसला आया कि रमजान में निकाह करना चाहिए या नहीं। इसपर उनका जवाब था कि बिल्कुल करना चाहिए। इसमें उन तमाम एहतेमाम का पालन करना चाहिए, जो एक रोजेदार को किया जाना चाहिए।
दुआएं कुबूल की जाती हैं : हाफिज वसीमुल्लाह
मानगो जवाहरनगर रोड नम्बर 12 के हाफिज वसीमुल्लाह कहते हैं कि रमजान का मुकद्दस महीना रोजा इबादत, गुनाहों से माफी, दुआओं के मुकम्मल और हर तरह की बुराइयों से बचने के साथ खुद को सुधार के रास्ते पर ले जाने का महीना है। इस महीने में इबादत का सवाब 70 गुना बढ़ जाता है। अल्लाह रोजेदारों के गुनाह माफ करते हैं और उनकी दुआएं कुबूल की जाती हैं।
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