लोन देने के लिए फर्जी फाइनेंस अधिकारी एक मेडिकल दुकान संचालक के पास आया। उससे आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य विवरण लिया। उसके बाद चेक भी ले लिया। चेक की क्लोनिंग की और फिर खाते से 2.70 लाख की निकासी कर ली। इस मामले में बिरसानगर जोन नंबर वन बी निवासी संतोष कुमार गुप्ता ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।
जाने क्या है पूरा मामला?
उन्होंने केस में बताया कि उनकी बिरसानगर में गुड़िया मेडिकल्स के नाम से दवा की दुकान है। रजिस्ट्रेशन उनकी पत्नी मोनिका कुमारी के नाम पर है। गुड़िया मेडिकल्स का बैंक खाता एचडीएफसी बैंक टेल्को में है। 26 सितंबर की दोपहर करीब 1.30 बजे के बीच उनके मोबाइल नंबर पर किसी अंकित अग्रवाल का फोन आया। उसने खुद को टाटा कैपिटल फाइनेंस का मैनेजर होने का दावा किया और उन्हें व्यवसाय के लिए लोन देने का प्रस्ताव दिया। व्यवसाय के लिए लोन की जरूरत होने के कारण संतोष कुमार गुप्ता ने उस व्यक्ति से फोन पर बात की। उसने कर्ज देने का आश्वासन देते हुए कहा कि उनके पास उनका कंपनी का एक अधिकारी जाएगा, जिसे जरूरी कागजात दे दीजिएगा।
26 सितंबर की शाम में ही करीब 6.30 बजे वह व्यक्ति उनकी दुकान पर आया। उसने अपना नाम आकाश कुमार शाह बताया और कहा कि वह टाटा कैपिटल फाइनेंस का अधिकारी है। उसने अंकित से हुई बातचीत को आधार बनाकर उनसे दस्तावेज मांगा और कहा कि इस दस्तावेज से आधार पर लोन का प्रोसेस कर देंगे। संतोष कुमार गुप्ता ने आकाश कुमार साहू की बात पर विश्वास कर ड्रग लाइसेंस, आयकर रिटर्न, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, गैस का बिल, बिजली बिल, बैंक स्टेटमेंट, आधार आदि की छाया प्रति के साथ दो फोटो और दो चेक जो गुड़िया मेडिकल्स के सीसी खाते का था, उसे आकाश कुमार साहू को दे दिया। दोनों चेक पर आकाश कुमार के सामने प्रोसेसिंग फीस की राशि 151 टाटा कैपिटल फाइनेंस के नाम से भरा और दूसरे चेक को कैंसल भरा।
2 से 3 दिनों के बाद लोन का भुगतान करने का दिया आश्वासन
आकाश कुमार साहू ने 2 से 3 दिनों के बाद लोन का भुगतान करने का आश्वासन दिया और वहां से चला गया। अगले दिन 27 सितंबर को दिन के करीब 1.10 बजे उनके मोबाइल पर बैंकिंग ऐप के माध्यम से पता चला कि जिस चेक को उन्होंने दिया था, उसमें से एक से 72 हजार और दूसरे से एक लाख 98 हजार की निकासी कर ली गई है। तुरंत उन्होंने बैंक से संपर्क किया तो पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। वे बैंक गए तो वहां पता चला कि दोनों चेक के माध्यम से रुपयों की निकासी कर ली गई है।
संतोष का कहना है कि बैंक के कैशियर या अन्य अधिकारी उन्हें और उनकी पत्नी को अच्छी तरह से जानते थे। उसके बावजूद इतनी बड़ी रकम बैंक में आकर उनके नाम पर निकाला गया, पर उन्हें सूचित नहीं किया गया। उन्होंने बैंक के टेल्को शाखा प्रबंधक, कैशियर, फाइनेंस कंपनी के मैनेजर, दो ठग अंकित अग्रवाल और आकाश शाह व एक अज्ञात पर केस किया है।
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