शहर में बाल मजदूरी रुकने का नाम नहीं ले रही है। बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान चलाने वाली साकची की बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के मुताबिक शहर में करीब 6120 बाल मजदूर हैं। बाल श्रम के खिलाफ श्रम विभाग अभियान चलाने का दावा करता रहा है।
जबकि विभाग ने पिछले 5 वर्षों में मात्र 20 बाल मजदूरों को विभिन्न इलाके से मुक्त कराया है। बावजूद शहर में बाल मजदूरी खुलेआम हो रही है। शहर के गैरेज, होटल और अन्य जगहों पर बच्चे मजदूरी करते दिख रहे हैंं। 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के अधिकतर बाल मजदूर होटल और गैरेज में काम कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
1 जून से विभाग चला रहा है अभियान
श्रम विभाग, कोल्हान प्रमंडल ने पांच वर्षों में 20 बाल श्रमिकों मुक्त कराया है। विभाग की ओर से 1 जून से बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया है। इसके तहत चाईबासा से 4 और जमशेदपुर से 1 बाल श्रमिक इस महीने मुक्त कराया है। इसी वर्ष चाईबासा से 6 और जमशेदपुर से 2 बाल श्रमिक मुक्त कराए गए हैं।
बाल श्रमिकों को सीडब्ल्यूसी को सौंपा जाता है। जो मजदूरी कराता है उन पर 20-50 हजार रुपए का दंड लगाया जाता है। 2 से 5 वर्ष तक कारावास का प्रावधान है। बाल श्रमिक को मुक्त कराने के बाद आवासीय विद्यालय में पढ़ाने की व्यवस्था हैै। -अविनाश ठाकुर, श्रम अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम
श्रम विभाग इसे लेकर अधिक तत्पर नहीं दिखाई देता है। विभाग के पास बाल श्रमिकों का कोई डाटा नहीं है। संस्था ने अपनी सर्वे रिपोर्ट विभाग को सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी। कोई तेजी नहीं दिख रहा है। -सदन ठाकुर, मुख्य संयोजक, बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान
शहर में बाल श्रमिक
वर्ष बाल श्रमिक
2016 10038
2017 9324
2018 8718
2019 8034
2020 7215
2023 6120
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