
पूर्वी सिंहभूम जिला के जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के राखा काॅपर के दिगड़ी मौजा क्षेत्र में झारखंड सरकार के जियाडा द्वारा 218.6 एकड़ जमीन 21 उद्योगपतियों को उद्योग लगाने के लिए काफी कम दाम में आवंटित की गई हैं। जमीन के आवंटन के बाद भी 7 सालों में अभी तक यहां केवल एक जूस फैक्ट्री लग पाई है। जबकि 21 फैक्ट्री खुलना था।
घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन के द्वारा 2 फरवरी को यहां काफी जनप्रतिनिधियों के साथ तामझाम से 18 फैक्ट्री का शिलान्यास किया गया था। केवल यहां शिलान्यास होता है एवं शिलान्यास कर बड़े-बड़े उद्योगपति उद्योग लगाना भूल जाते हैं। वहीं सरकार के द्वारा यहां पर जमीन का आवंटन इसलिए किया गया था कि आसपास के लोगों को रोजगार मिल सके एवं लोगाें रोजगार के लिए पलायन ना करना पड़े।
एक्सेल इंडिया कंपनी ने यहां पर 6 एकड़ जमीन में 45 करोड़ की लागत
एक्सेल इंडिया कंपनी ने यहां पर 6 एकड़ जमीन में 45 करोड़ की लागत से गाड़ी का कलपुर्जा बनाने का उद्योग लगाने के लिए भूमि पूजन व शिलान्यास पहले ही किया है। शिलान्यास के दिन से ही आसपास के लोग एवं 18 रैयतदार इसके विरोध में उतर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि आसपास के ग्रामीणों को बिना कोई जानकारी दिए ही यहां शिलान्यास कर दिया जा रहा है।
रैयतदारों का कहना है कि उनकी जमीन को घेर कर यहां फैक्ट्री लगवाया जा रही है। जबकि जमीन का लगातार रेंट भी दे रहे हैं। कई उद्योगपतियों ने जमीन को हड़पने के लिए बड़ा-बड़ा बाउंड्री वाल बना दिए गए हैं। लेकिन 7 सालों में अभी तक एक भी ग्रामीण को रोजगार नहीं दे पाए हैं।
जबकि सरकार ने यहां पर 5000 ग्रामीणों को रोजगार देने का वादा किया था। यहां पर प्रमुख रूप से एचसीएल कंपनी को सरकार के द्वारा 90 एकड़ जमीन दिया गया था। कंस्ट्रेटर प्लांट लगाने के लिए। लेकिन अभी तक किसी प्रकार का प्लांट यहां नहीं लग पाया है एवं एक्सेल वेंचर कंपनी द्वारा 6 साल बाद यहां शिलान्यास किया गया है।
25 एकड़ जमीन जियाडा के द्वारा कंपनी खोलने के लिए दिया गया
रांची के स्टार्च इंडिया कंपनी को 25 एकड़ जमीन जियाडा के द्वारा कंपनी खोलने के लिए दिया गया है। लेकिन अभी तक यहां कंपनी प्रारंभ नहीं हो पाई है। इस प्रकार कई कंपनियों के द्वारा यहां पर जमीन दी गई है लेकिन अभी तक कोई रोजगार का साधन उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। क्रम का विरोध प्रदर्शन भी किया।
कंपनी खोलने के नाम पर पर्यावरण का नुकसान किया गया। पेड़ काटे गए और काला डस्ट गिराया गया। इससे लोगों के खाने में भी काला डस्ट गिर जा रहा है। जो लोगों के स्वास्थ्य को बिगाड़ रहा हैं। मुखिया माटीगोड़ा पंचायत के मुखिया एवं मुर्गागूटू पंचायत के मुखिया ने जनप्रतिनिधियों का अवहेलना करने पर नाराजगी प्रकट करते हुए शिलान्यास कार्य
विधायक रामदास ने रैयतदारों की लड़ाई लड़ते हुए विधानसभा में उठाया था मुद्दा
मुखिया संघ ने बताया कि यहां पर उद्योग लगाने का कोई विरोध नहीं कर रहा है। लेकिन स्थानीय लोगों का अवहेलना करना एवं रैयतदारों को हक को मारने का विरोध किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज प्रताप सिंह ने बताया कि स्थानीय लोगों की अनदेखी नहीं करने दिया जाएगा। स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता देनी पड़ेगी एवं दलाली प्रथा नहीं चलने दिया जाएगा।
विधायक रामदास सोरेन ने रैयतदारों काे लड़ाई लड़ते हुए विधानसभा में भी मुद्दा को उठाया गया था। जिसके बाद रामदास सोरेन के नेतृत्व में यहां रैयतरादार ने काफी विरोध प्रदर्शन कर अपने हक की मांग की थी।
जियाडा के द्वारा आवंटित जमीन 2 सालों तक कंपनी नहीं बैठाए जाने पर जियाडा द्वारा जमीन वापस लेने का नियम है। 6 से 7 साल हो गए यहां कोई भी कंपनी उद्योग नहीं लगा पाई हैं। लेकिन जियाडा द्वारा जमीन वापसी की कार्रवाई प्रारंभ नहीं किया गया है। वहीं उद्योगपतियों का भी सरकार पर आरोप हैं कि सरकार के द्वारा अभी तक इन्हें सड़क, नाली, बिजली की व्यवस्था नहीं की गई है। मूलभूत सुविधा नहीं होने के कारण उद्योग धंधा स्थापित नहीं किया जा पा रहा है।
उद्योग लगाने के नाम पर काटे गए पेड़, पर्यावरण दूषित
वहीं कई कंपनियों द्वारा पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा कर पेड़-पौधे काट दिए गए हैं। यहां पर उद्योग लगाने के नाम पर काला डस्ट गिराया गया, जिसके कारण आसपास के क्षेत्र में नदी, नाला कुआं बुरी तरह से प्रदूषित हो चुका हैं। जिसको लेकर पूर्व मुखिया कार्तिक हेंब्रम ने बीडीओ को भी लिखित शिकायत की थी।

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