घाटशिला के एक स्कूल से आरटीई मान्यता के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में शिक्षा विभाग के क्लर्क को सोमवार को निलंबित कर दिया है। निलंबित क्लर्क विशाल प्रताप सिंह ज़िला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में प्रतिनियुक्त था। निलंबन की कार्रवाई उपायुक्त ने जांच में आरोप सही पाये जाने पर की है।
लंबे समय से ऐसे मामलों को लेकर शिक्षा विभाग पर आरोप लगते रहे हैं। पहली बार इस मामले में कोई कार्रवाई की गई है। आरोप है कि निजी स्कूलों को आरटीई की मान्यता देने के लिए शिक्षा विभाग के लिपिकों के द्वारा निजी स्कूलों पर अवैध तरीक़े से दबाव बनाया जाता है और मान्यता देने के लिए लाखों की मोटी रक़म की वसूली की जाती है। आरोपी क्लर्क विशाल पर संत पॉल इंग्लिश स्कूल नुवागांव घाटशिला का आरटीई से संबंधित मान्यता के लिए दो रिश्वत मांगने का आरोप लगा था।
क्लर्क ने घूस की मांग की थी
स्कूल के प्रबंध समिति के सदस्य दीपक पॉल एवं मुकुट लकड़ा ने आरोप लगाया था कि स्कूलों को आरटीई मान्यता देने के लिए विशाल सिंह के द्वारा दो लाख की राशि मांगी गई। इन आरोपों की जांच की गई। स्कूल ने आरटीई से संबंधित मान्यता के लिए प्रस्ताव सहित संचिका वर्ष 2019 में जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय में जमा किया गया था। इस संचिका के निष्पादन के लिए क्लर्क ने घूस की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद विभाग ने लिपिक से स्पष्टीकरण की मांगा था
आदेश के बाद आरोपी लिपिक ने स्पष्टीकरण दिया, लेकिन उसे संतोषजनक नहीं पाया गया और सरकारी सेवा नियमावली के उल्लंघन पर विशाल प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही विभागीय करवाई की प्रक्रिया शीघ्रातिशीघ्र शुरू करने के निर्देश दिये गये हैं। निलंबन अवधि में बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान प्रति माह किया जाएगा। निलंबनअवधि में विशाल का कार्यालय प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, सदर चाईबासा निर्धारित किया गया है।
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