नई दिल्ली में आज से दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन का आगाज हो गया है। जी20 सम्मेलन की पहले दिन की बैठक भारत मंडपम में हुई। पीएम मोदी ने समिट का उद्घाटन करते हुए वैश्विक मुद्दों पर बात की। इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जानकारी दी कि दूसरे सत्र की शुरुआत में शिखर सम्मेलन ने जी20 नेताओं की घोषणापत्र को अपना लिया है। इस पत्र को जी20 की थीम वसुधैव कुटुंबकम की तर्ज पर तैयार किया गया है।
आइये जानते हैं जी20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन को लेकर क्या हुआ है? जी20 घोषणापत्र क्या है? इसमें किन विषयों को शामिल किया गया है?
जी20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन को लेकर क्या हुआ है?
वहीं प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि दूसरे सत्र की शुरुआत में शिखर सम्मेलन ने जी20 नेताओं की घोषणापत्र को अपनाया।
जी20 घोषणा-पत्र क्या है?
इसमें 11 अध्याय शामिल किये गए हैं। इन अध्यायों को ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी, एच, आई और जे के रूप में बांटा गया है। 37 पन्नों के घोषणापत्र में भारत का 10 बार जिक्र किया गया है। वहीं, इसके प्रस्तावना में ही यूक्रेन का चार बार उल्लेख है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि 2030 तक हम सतत विकास का लक्ष्य हासिल करेंगे। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समिट में 21वीं सदी के चुनौतियों पर चर्चा की गई। इस दौरान वैश्विक समस्याओं के निराकरण पर जोर दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैठक के दौरान क्रिप्टो के नियमन पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि इस बात पर चर्चा की गई कि कोई भी देश पीछे ना छूटे। इस दौरान ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई।
प्रस्तावना में क्या है?
घोषणापत्र में किन विषयों को शामिल किया गया है?
घोषणापत्र के पहले यानी अध्याय ए की बात करें तो इसमें सदस्य देश एक मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास के लिए सहमत हुए हैं। इस अध्याय में विश्व में आने वाली विषम आर्थिक स्थिति को साझा रूप से हल करने और कमजोर देशों की मदद करने की बात की गई है। इसके अलावा अन्य बिंदुओं में विकास के लिए व्यापार को खोलना, भविष्य के लिए तैयारी, वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाना और भ्रष्टाचार से लड़ना शामिल है।
अध्याय बी: सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) पर प्रगति में तेजी लाना
अध्याय बी में सतत विकास लक्ष्यों यानी (एसडीजीएस) में तेजी लाने को लेकर जी20 समूह के देश सहमत हुए हैं। इसमें तमाम देशों ने एसडीजीएस हासिल करने के लिए प्रतिबद्धिता जताई है। वहीं भूख और कुपोषण को खत्म करने, वैश्विक स्वास्थ्य को मजबूत करने और एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण को लागू करने पर सदस्य एकमत हुए हैं।
अध्याय सी: टिकाऊ भविष्य के लिए हरित विकास समझौता
तीसरे अध्याय में वैश्विक आर्थिक मंच ने टिकाऊ भविष्य के लिए हरित विकास समझौते को अपनाया है। जलवायु परिवर्तन और संक्रमण मार्गों से उत्पन्न होने वाले व्यापक आर्थिक जोखिम को कम करने और सतत विकास जीवन के लिए जीवनशैली को मुख्यधारा में लाने की बात कही गई है।
घोषणापत्र में कहा गया है कि स्वच्छ, टिकाऊ, न्यायसंगत, किफायती और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन लागू किया जाएगा। पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण, महासागर आधारित अर्थव्यवस्था का दोहन और संरक्षण, प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करना, भविष्य के शहरों का वित्तपोषण, आपदा जोखिम को कम करना और लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण करना भी इस अध्याय के बिंदु हैं।
अध्याय डी: 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थाएं
चौथे अध्याय में बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करने और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार पर जोर दिया गया है। वहीं, वैश्विक ऋण कमजोरियों का बेहतर प्रबंधन करने पर भी फोकस होगा। इसमें भारत के वन फ्यूचर एलायंस (ओएफए) के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इस स्वैच्छिक पहल का उद्देश्य क्षमता निर्माण करना और तकनीकी सहायता प्रदान करना है।
अध्याय ई: तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा
इस अध्याय में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर बल दिया गया है। डिजिटल अर्थव्यवस्था में सुरक्षा, लचीलापन और विश्वास बनाने की बात की गई है। घोषणापत्र में क्रिप्टो संपत्तियों पर नीति और विनियमन की बात कही गई है। इसमें सदस्य देश सीमापार भुगतान और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा को अपनाने पर भी सहमत हुए हैं।
अध्याय एफ: अंतर्राष्ट्रीय कराधान
अध्याय एफ में अंतरराष्ट्रीय कराधान का जिक्र किया गया है। आर्थिक मंच ने 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप विश्व स्तर पर निष्पक्ष, टिकाऊ और आधुनिक अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली के प्रति सहयोग जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।
अध्याय जी: लैंगिक समानता और सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना
अध्याय जी महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित है। इसमें आर्थिक और सामाजिक अधिकारिता को बढ़ाने और लैंगिक डिजिटल विभाजन को पाटने की बात कही गई है। इसके साथ ही महिलाओं की खाद्य सुरक्षा, पोषण और कल्याण सुनिश्चित करना और महिला सशक्तिकरण पर एक कार्य समूह का निर्माण करने पर भी देश एकमत हुए हैं।
अध्याय एच: वित्तीय क्षेत्र के मुद्दे
इस अध्याय में दुनियाभर में वित्तीय क्षेत्र में होने वाली समस्याओं को मिलकर हल करने की बात कही गई है। इसमें वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) और मानक निर्धारण निकाय (SSB) जैसी संस्थाओं को मदद करने की भी सहमति जताई गई है।
अध्याय आई: वित्तीय क्षेत्र के मुद्दे आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग का मुकाबला
इस अध्याय में जी20 समूह ने वित्तीय क्षेत्र के मुद्दे आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग का मुकाबला करने की प्रतिबद्धिता जताई है।
अध्याय जे: अधिक समावेशी विश्व का निर्माण
घोषणापत्र के अंतिम अध्याय में समूह के सदस्यों ने एक अधिक समावेशी विश्व बनाने का विचार रखा है। इसमें प्रवासियों, प्रवासी कामगारों की मदद करने पर जोर दिया गया है। इस दौरान भारत की अध्यक्षता में जी20 में अफ्रीकी यूनियन को शामिल करने पर तारीफ की गई है।
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