कोरोना संकट के बीच पांच राज्यों में चुनाव होने हैं। इस पर चुनाव आयोग ने शनिवार दोपहर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू कर दी है।प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग ने महिलाओं को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है।
महिलाओं को मिलेगी विशेष जिम्मेदारी
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक बूथ का प्रबंधन विशेष रूप से महिलाओं द्वारा किया जाएगा। निश्चित तौर पर महिला सशक्तिकरण की तरफ चुनाव आयोग का ये बड़ा फैसला है।
कोविड-19 में सुरक्षित चुनाव कराने का लक्ष्य
इस बीच चुनाव आयोग ने शनिवार को अपनी प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि उनका लक्ष्य व्यापक तैयारी के साथ 5 राज्यों में कोविड-सुरक्षित चुनाव कराना है। चुनाव आयोग ने शनिवार दोपहर की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। कि इस बार पांच राज्यों के चुनाव में कुल 18.34 करोड़ वोटर हैं।
रोड शो और फिजिकल रैलियों पर प्रतिबंध
कोरोना महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 15 जनवरी तक किसी भी फिजिकल रैलियों, रोड शो, पदयात्रा या वाहन रैलियों की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी पार्टियों को वर्चुअल मोड में कैंपेन चलाने की सलाह दी गई है।
चुनाव अधिकारियों का दोहरा टीकाकरण
चुनाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार, सभी अधिकारियों का दोहरा टीकाकरण किया जाएगा, उन्हें बूस्टर खुराक दी जाएगी और उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में भी माना जाएगा। बूथों को पूरी तरह से सेनेटाइज किया जाएगा और मतदान कर्मियों के लिए पर्याप्त दस्ताने, सैनिटाइजर आदि उपलब्ध रहेंगे।
पांच राज्यों में 15 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है, जबकि नौ करोड़ लोगों को दोनों इंजेक्शन मिले हैं। सभी राज्यों में मतदान का समय एक घंटे बढ़ा दिया गया है। अनुच्छेद 171 (1) का हवाला देते हुए चंद्रा ने कहा कि विधानसभा का कार्यकाल पांच साल में खत्म होना है और इसलिए चुनाव जरूरी हैं।
पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या
अंतिम मतदाता सूची 5 जनवरी को प्रकाशित हुई थी। सर्विस वोटर्स सहित कुल 18.34 करोड़ मतदाता हैं, इनमें 8.55 करोड़ महिलाएं हैं। चुनाव आयोग ने मतदाताओं की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया है और इसके परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक मतदाता वृद्धि के साथ सभी राज्यों में वृद्धि देखी गई है।
मतदाताओं की औसत संख्या कम रखने पर जोर
कुल 24.5 लाख ऐसे मतदाता हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे। इसके अलावा 30.47 लाख वरिष्ठ नागरिक हैं। चुनाव आयोग ने प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या को 1,250 तक सीमित कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर 30,334 हो गई है। कोरोना संकट के बीच प्रति मतदान केंद्र पर मतदाताओं की औसत संख्या कम रखने पर जोर दिया गया है।
आपराधिक रिकॉर्ड पर आयोग का बड़ा फैसला
चुनाव आयुक्त ने कहा, अब उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को स्थानीय समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों में कम से कम तीन बार प्रकाशित करना अनिवार्य होगा। यहां तक कि पार्टियों से भी अपने उम्मीदवारों के साथ ऐसा करने की उम्मीद की जाती है।
इससे पहले, चंद्रा ने कहा कि आयोग ने इन चुनावों के लिए तीन लक्ष्य निर्धारित किए हैं:
कोविड मुक्त चुनाव,
परेशानी मुक्त मतदान का अनुभव और मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी।
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