
पूर्वी सिंहभूम जिले की पुलिस ने एक साल में अपराधियों को 65 हजार प्लेट खाना खिला दिया है। जिन अपराधियों को पुलिस दिन-रात एक कर पकड़ती है, उनकी मेहमाननवाजी के लिए पुलिस मुख्यालय से हर थाना को पैसा मिलता है। पुलिस एक वर्ष में 65 हजार प्लेट खाना अपराधियों को खिला देती है। जिल ले के 39 थानों को पुलिस मुख्यालय से हर साल अपराधियों की मेहमानवाजी के लिए 10 लाख रुपये मिलते हैं। इस राशि को मिसलेनियस मद की राशि कहा जाता है। इसके लिए जिला पुलिस मुख्यालय में अलग से खाता बनाया जाता है।
इंस्पेक्टर थाना को 25 तो दारोगा थाना को 15 हजार रुपये मिलते हैं। इन रुपयों को थाना स्तर पर हिरासत में लिए गए लोगों के खान-पान में खर्च किया जाता है। एक ओर जहां पुलिस हिरासत में लिए गए आरोपियों से सख्ती से पूछताछ करती है, तो वहीं उनके भोजन और नाश्ते का भी इंतजाम करती है। पुलिस का प्रयास रहता है कि हाजत के बंदी को बाहर का खाना न मिले।
एक आकलन के अनुसार, हर दिन जिले में 165 लोगों को पकड़ा जाता है। ये सभी अपराधी नहीं होते हैं। इनमें वैसे लोग भी शामिल हैं, जो जो संदिग्ध अवस्था में इलाके में घूमते पाए जाते हैं। पुलिस उन्हे पकड़कर थाना ले आती है। उनसे पूछताछ और उनके घूमने के कारणों का पता कर उन्हें छोड़ दिया जाता है। इसबीच उनके खाने-पीने का इंतजाम थाना की ओर से ही किया जाता है।
4500 लोग हर साल निजी मुचलके पर छूटते हैं
संदेह के आधार पर पकड़े गए लोगों की जांच के बाद आपराधिक मामलों में लिप्तता नहीं मिलने पर उन्हें थाना से ही निजी मुचलके पर छोड़ दिया जाता है। जिले के 39 छोटे-बड़े थानों से हर साल लगभग 4500 लोगों को निजी मुचलके पर छोड़ा जाता है।
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