डीआरएम कमल किशोर सिन्हा पर लगे मंडल रेल अस्पताल के सहायक के कपड़े उतरवाने के लांछन की गूंज पीएमओ तक पहुंच गई है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को रेल मंत्रालय और रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव को ट्वीट कर घटना पर दुख जताया। बाबूलाल की ट्वीट को किसी गौरव कुमार ने पीएमओ समेत अन्य को री-ट्वीट किया है। मामले की शिकायत राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी से भी की गई है। साथ ही ब्राह्मण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने रेल मंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी को भी जानकारी दी है।
पत्नी ने बताया कि पति बेकसूर
असिस्टेंट बसंत उपाध्याय का इलाज असर्फी अस्पताल में जारी है। बसंत की पत्नी रुद्रानी उपाध्याय, पुत्र अमन उपाध्याय और अभिषेक उपाध्याय भी बसंत की हालत देख अवसाद में चले गए हैं। पूरा परिवार आशंकाओं से घिर गया है। बसंत अब भी बातचीत करने में सहज महसूस नहीं कर रहे हैं। पत्नी ने बताया कि पति बेकसूर हैं। आज तक किसी से भी उन्होंने ऊंची आवाज में बात तक नहीं की है। उन्होंने बताया कि उनसे मिलने कोई भी रेल अधिकारी अस्पताल नहीं पहुंचा। हालांकि कई सहकर्मियों ने अस्पताल पहुंच कर उनका हालचाल लिया। डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने शनिवार को डीआरएम कार्यलय में अधिकारियों के साथ बैठक की। रेल प्रशासन की ओर से बताया गया कि घटना की जांच कराई जा रही है।
बता दें कि रेलवे अस्पताल में 22 जून को डेंटिस्ट सर्जन डॉ निशि अग्रवाल से इलाज कराने पहुंचीं डीआरएम की पत्नी गरिमा सिन्हा को बसंत ने चप्पल खोलकर डॉक्टर चेंबर में जाने की सलाह दी थी। इसके बाद उन्हें डीआरएम कार्यालय बुलाकर बरामदे पर उनका कपड़ा खुलवाया गया था। 22 जून को रेलवे अस्पताल से लेकर डीआरएम कार्यालय तक हुई घटना पर रेल प्रशासन का रुख शनिवार को थोड़ा नरम नजर आया। विज्ञप्ति जारी कर रेलवे प्रशासन की ओर से सधे शब्दों में बताया गया कि बसंत उपाध्याय के आरोप पर संज्ञान लेते हुए इसकी सत्यतता की जांच हो रही है।
ईसीआरकेयू की बैठक आज
रेलकर्मी बसंत उपाध्याय की ओर से डीआरएम पर लगाए गए सनसनीखेज आरोप के बावजूद मान्यता प्राप्त संगठन ईसीआरकेयू की चुप्पी पर चारों ओर से सवाल उठने के बाद शनिवार को यूनियन पदाधिकारियों की नींद खुली। बताया जा रहा है कि रविवार को यूनियन के केंद्रीय पदाधिकारी पूरे मसले पर बैठक कर अपना रुख तय करेंगे।
रेलवे अस्पताल से फुटेज गायब
रेल प्रशासन की ओर से विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि घटना की जांच के लिए सिग्नल और आरपीएफ की एक टीम शनिवार को सीसीटीवी फुटेज की जांच के लिए रेलवे अस्पताल गई। वहां 22 व 23 जून का सीसीटीवी फुटेज गायब मिला। अब प्रशासन पता लगा रहा है कि सीसीटीवी किसने गायब किया। हालांकि डीआरएम कार्यालय में कर्मचारी के साथ हुए कृत का सीसीटीवी फुटेज मिला या नहीं इसपर रेल प्रशासन ने कुछ नहीं बताया।
यह स्वयं को शक्तिमान बनाने का मामला मरांडी
पूर्व सीएम सह भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने रेल मंत्री को ट्वीट कर कहा कि यह बहुत ही निंदनीय और भर्त्सना योग्य कृत्य है। अधिकारियों की यह ज्यादती समाज में नौकरशाही के प्रति बहुत विघटन, अविश्वास और क्षोभ पैदा करेगी। ये मामले राजनीतिक नहीं होते हैं, यह सीधा अहंकार और खुद को शक्तिमान मानने का मामला है। मुझे पूरा विश्वास है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी और अगर अधिकारी भी इस गंभीर अपराध में लिप्त हैं, तो उनके विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई होगी।
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