आजादी के 75 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार के निर्णय के बाद बिहार के सभी जिलों में 75-75 तालाबों के निर्माण और इनके जीर्णोद्धार पर काम शुरू कर दिया गया है. ‘अमृत सरोवर’ नाम से बनने वाले इन तालाबों के निर्माण और जीर्णोद्धार के लिए जिले के उप विकास आयुक्त को निर्देश जारी किया गया है.
मनरेगा के तहत होगा तालाबों का काम
ग्रामीण विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह कार्य रोजगार गारंटी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत कराया जाएगा. जिलों को निर्देश दिया गया है कि प्रखंड और पंचायत स्तर पर तालाबों के चिह्नित करने की प्रक्रिया तत्काल शुरू कर दी जाए. सरकार का मानना है कि इस योजना से जहां जल संचयन में मदद मिलेगी वहीं भू-जल स्तर को भी बेहतर किया जा सकेगा.तालाबों की खुदाई के बाद उसका सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा. तालाब के चारों ओर पौधरोपण भी किया जाएगा.
सूखे तालाब की जगह बनेंगे नये तालाब
अधिकारी बताते है कि सरकारी जमीन अथवा जहां पहले से तालाब हैं, वहीं पर इनका निर्माण करना है. इस योजना में निजी तालाब का जीर्णोद्धार नहीं होगा. बताया जा रहा है कि जो तालाब सूख गए होंगे, उनकी भी पहचान कर उसे तालाब बनाया जाएगा. ये तालाब एक एकड़ तक के होंगे. मनरेगा के तहत इन तालाबों का निर्माण कराया जाएगा. इससे मनरेगा के तहत श्रमिकों को काम भी अधिक मिलेगा.
बिहार में हैं एक लाख से अधिका तालाब
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार कहते हैं कि मुख्यालय से इसकी प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से लेने का निर्देश उन्होंने पदाधिकारियों को दिया है. आंकड़ों पर गौर करें तो बिहार में एक लाख से अधिक तालाब हैं. राज्य सरकार ने भी जल जीवन हरियाली के तहत तालाबों की पहचान कर उसके जीर्णोद्धार की योजना बनाई है. राज्य में कई तालाब अतिक्रमण का शिकार हो चुके हैं.
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