नीतीश कुमार आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी उनके साथ एक बार फिर से उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लंगे. भाजपा ने इसे विश्वासघात और जनादेश का अपमान बताते हुए नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा इस विश्वासघात को लेकर पूरे प्रदेश में ‘महाधरना अभियान’ के जरिए नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश करती नजर आएगी.
भाजपा जनता के बीच जाकर अब यह बताएगी की नीतीश कुमार ने किस तरह से उस जनादेश का अपमान किया है जो बिहार की जनता ने 2020 में एनडीए गठबंधन को दिया था.
“महाधरना का होगा आयोजन”
नीतीश कुमार के इस कदम को विश्वासघात बताते हुए भाजपा ने 10 अगस्त को पटना स्थित प्रदेश कार्यालय के सामने धरना देकर अपना विरोध जताया. पार्टी नीतीश कुमार के खिलाफ 12 अगस्त को बिहार के सभी जिला मुख्यालयों और 13 अगस्त को सभी प्रखंड मुख्यालयों पर भी इसी तरह से महाधरना का आयोजन करने जा रही है.
भाजपा के मुताबिक, 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के विश्लेषण से यह साफ-साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, नीति और योजनाओं से प्रभावित होकर एनडीए गठबंधन को अपना मत दिया था. लेकिन नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ विश्वासघात करते हुए और जनादेश का अपमान करते हुए उसी आरजेडी के साथ हाथ मिला लिया, जिसे जनता ने विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया था.
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