बार काउंसिल ने स्पष्ट किया कि जिन अधिवक्ताओं ने वर्ष 2009 या उसके पहले के सत्र में एलएलबी कोर्स पूरा किया है, उन्हें भारतीय बार की परीक्षा उत्तीर्ण होने की बाध्यता नहीं है। यदि उसके बाद के अधिवक्ता हैं और उन्होंने परीक्षा पास नहीं की है तो उन्हें एक वकालतनाम देना होगा।
जिला बार एसोसिएशन ने अधिवक्ताओं को परीक्षा देने और जिन्होंने परीक्षा पास नहीं की है, उन्हें वकालत नहीं करने की नई सूचना जारी की है। बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव और बार काउंसिल के सदस्य अनिल तिवारी ने बताया कि पहले 136 अधिवक्ताओं का नाम हटाने की एक सूची जारी की गई थी, जिससे ऊहापोह की स्थिति बन गई थी। इसपर काउंसिल से सम्पर्क किया गया तो एक दूसरी सूची जारी की गई। पहले जारी चिट्ठी 4 जुलाई 2022 की चिट्ठी थी। इसके बारे में जब बार काउंसिल से सम्पर्क किया गया तो वहां से दूसरी चिटठी भेजी गई। इसमें स्पष्ट किया गया कि 2009 तक जिसने एलएलबी पास कर लिया है, उसे परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन 12 जून 2010 के बाद वालों को परीक्षा देनी है। जो सस्पेंशन की सूची जारी की गई थी, वह गलत थी।
अधिवक्ताओं को इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं
बार काउंसिल के सदस्य अनिल तिवारी ने बताया कि सूची को लेकर कुछ भ्रांति फैल गई थी, लिहाजा काउंसिल से बात करने के बाद स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। इसलिए अधिवक्ताओं को इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। जिनलोगों ने परीक्षा नहीं दी है, उनके लिए परीक्षा की भी प्रक्रिया कराई जाएगी, ताकि वे अपने पेशे को कायम रख सकें। प्रकाश झा ने बताया कि इसको लेकर बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें अधिवक्ताओं ने अपनी राय दी। इधर सभी अधिवक्ताओं के सामने यह स्पष्ट कर दिया गया कि किसे परीक्षा देनी है, किसे नहीं देनी है।
2010 अथवा उसके बाद ऑल इंडिया बार एग्जाम उत्तीर्ण करना अनिवार्य
इधर, बार काउंसिल की तरफ से जारी चिट्ठी में बताया गया कि भारतीय विधिज्ञ परिषद के द्वारा बनाये गये नियमों के अनुसार जिन अधिवक्ताओ को 12 जून 2010 के बाद अधिवक्ता अनुज्ञप्ति प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है और यदि उनकी विधि शिक्षा का अंतिम शैक्षणिक सत्र वर्ष 2009 से 2010 अथवा उसके बाद के किसी वर्ष का है तो वैसे अधिवक्ताओं को ऑल इंडिया बार एग्जाम उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
काउंसिल ने स्पष्ट किया कि जिन्होंने 2010 के बाद के अनुज्ञप्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है और परीक्षा पास नहीं की है तो लाइसेंस की वैधता की तिथि तक वह अधिवक्ता वकालतनामा दायर कर सकता है एवं वकालत कर सकता है। लाइसेंसी वैधता तिथि के खत्म होते ही वह न तो वकालतनामा दाखिल किया और न ही उसने भारतीय बार परीक्षा में ही उत्तीर्ण किया है तो उसे प्रैक्टिस से वंचित किया जाएगा। लेकिन वह जैसे ही परीक्षा पास करने का वकालतनामा दाखिल करेगा वकालत का अधिकार स्वतः बहाल हो जायेगा।
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