साल 2021 अब खत्म होने जा रहा है। इस साल में आधार कार्ड ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। आंकड़ों के अनुसार इस महीने 29 दिसंबर तक आधार ऑथैंटिकेशन का आंकड़ा 156 करोड़ रहा.
ऑथेंटिकेशन का मतलब उस संख्या है कि कितनी बार एक व्यक्ति ने सेवा या सरकारी लाभ लेने के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल किया। इस महीने में आंकड़े का 170 करोड़ पर पहुंचने का अनुमान है।
सितंबर में 146 करोड़ बार आधार का इस्तेमाल हुआ। हालांकि अप्रैल और मई में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान संख्या गिरकर 100 करोड़ के नीचे आ गई थी। इस लिहाज से देखा जाए, तो दिसंबर के आंकड़े में 70 फीसदी का उछाल आया है।
भारत में करीब 131 करोड़ लोगों के पास आधार नंबर है
इससे पता चलता है कि शायद लोगों ने एक से ज्यादा बार कार्ड का इस्तेमाल किया है। इस महीने में अब तक हुए 156 आधार ऑथेंटिकेशन में सबसे ज्यादा e-KYC (28 करोड़) हुए। ताजा आंकड़े बताते हैं कि भारत में 87 फीसदी से ज्यादा सेविंग गरीब करंट बैंक खातों में आधार का इस्तेमाल हुआ है।
सरकार ने दावा किया है कि जब से नरेंद्र मोदी 2014 में सत्ता में आए हैं, तब से डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) आधार व्यवस्था के जरिए 2.2 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है।
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किसानों के लिए पीएम किसान निधी आधार प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिसमें करीब 10 करोड़ किसानों को हर चार महीनों में 2000 रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। पीएम उज्जवला योजना और पीएम गरीब कल्याण योजना में भी आधार प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल होता है।
सरकार हाल ही में कानून लेकर आई है, जिसमें वोटर आईडी कार्ड को आधार से ऐच्छिक रूप से लिंक करने की बात कही गई है. कोविड-19 टीकाकरण में भी आधार प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल हुआ है।
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