पूर्वी सिंहभूम में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए गुरुवार से किट वितरण किया जाएगा। पोटका में 3 दिसंबर से नाइट सर्वे के जरिए प्रभावितों की पहचान की जाएगी। जिले में फिलहाल फाइलेरिया के 1790 और हाइड्रोसिल के 1754 मरीजों को स्वास्थ्य विभाग ने चिह्नित किया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में फाइलेरिया के 134, 2021 में 396 तथा 2022 में 154 मरीज चिह्नित किए गए हैं।
फाइलेरिया मरीजों के बीच 1 दिसंबर से एमएमडीपी किट का वितरण किया जाएगा। जिला को फाइलेरिया मुक्त करने के लिए बुधवार को उपायुक्त कार्यालय सभागार में डीसी विजया जाधव की अध्यक्षता में बैठक हुई। पिछले दिनों ज्वाइंट माॅनिटरिंग मिशन की टीम के पोटका भ्रमण के बाद उनसे मिले फीड बैक के आधार पर फाइलेरिया उन्मूलन की योजना बनाई गई।
पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान
डीसी ने कहा-फाइलेरिया की गंभीरता से लोगों को वाकिफ करने के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। बीमारी से ज्यादा प्रभाव इसके प्रति अज्ञानता से होती है। बीमारी लाइलाज जरूर है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे बचा नहीं जा सकता। फाइलेरिया सातवें स्टेज में पहुंचने पर बिल्कुल लाइलाज हो जाता है। पहले या दूसरे स्टेज में संभावित रोगी को चिह्नित कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज में संक्रमण बढ़ने से रोका जा सकता है। फाइलेरिया ठहरे हुए गंदे पानी में पनपने वाले मच्छर के काटने से फैलता है। इसलिए जरूरी है कि आसपास जलजमाव न होने दिया जाए।
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