बदलते वक्त के साथ रिश्वत लेने और देने का तरीका भी बदल गया है. इस डिजिटलीकरण के दौर में अब रिश्वत भी डिजिटल पेमेंट के जरिए लिया जा रहा है. यह चौंका देने वाला मामला बिहार के वैशाली जिले का है. आरोप है कि यहां का थानेदार लोगों से पेटीएम के माध्यम से रिश्वत लेता है. इसकी शिकायत जब सीएम कार्यालय तक पहुंची तो हर कोई हैरान रह गया. इसके बाद रिश्वतखोर थानेदार पर कार्रवाई की गई और उसे नौकरी से निलंबित कर दिया गया. थानेदार की इस काली करतूत ने पुलिस महकमे को शर्मसार कर दिया है.
सरकारी विभागों में रिश्वत लेने की खबरें तो आम हैं. एक ये भी कारण है कि लोग सरकारी ऑफिस जाने से बचते हैं. आजतक टेबल के नीचे से या चाय पानी के नाम पर पैसे लिए जाते थे लेकिन अब जमाने के हिसाब से इसमें भी बदलाव हो गया है. जब आरोपी कैश नहीं होने की बात थानेदार से कहता तब वह पेटीएम करने के लिए कहता था. इस तरह ऑन रिकॉर्ड रिश्वत लेने वाले थानेदार का मामला तब सामने आया, जब बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यालय तक पहुंच गई.
क्या है पूरा मामला ?
विवादित जमीन की चारदीवारी निर्माण कराने के लिए इस थानेदार ने पार्टी से 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. रिश्वत देने वाला भी काफी होशियार निकला. उसने एक बार में पूरे पैसे नहीं दिए. उसने थानेदार को पेटीएम से रिश्वत के पैसे लेने के लिए राजी कर लिया. शुरू में उसने 15 हजार रुपए थानेदार को पेटीएम के जरिए दिए और बाकी पैसे बाद में देने की बात कही. जब उसने बाकी के पैसे नहीं दिए तो थानेदार प्राथमिकी दर्ज करने की बात करने लगा. विवाद बढ़ा तो इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई.
SDPO जांच के बाद SP ने किया सस्पेंड
रिश्वत मांगने और पेटीएम से 15 हजार रुपये लेने के आरोप में वैशाली के करताहां थानाध्यक्ष गौरव कुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है. एसपी मनीष ने निलंबन की यह कार्रवाई धनुषी गांव के बिट्टू कुमार की शिकायत पर की है. थानाध्यक्ष ने बाकी राशि नहीं देने पर बिट्टू कुमार को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की धमकी दी थी. मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर से मामले की जांच और कार्रवाई का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद मामले की जांच का जिम्मा सदर एसडीपीओ राघव दयाल को दिया गया. एसडीपीओ ने प्रारंभिक जांच में आरोप को सही पाया, जिसके आधार पर एसपी मनीष ने कार्रवाई की और थानेदार को निलंबित कर दिया है.
सस्पेंशन के बाद आई शिकायत वापस लेने की अर्जी
इधर, इस मामले में चौंकाने वाला मोड़ भी सामने है. शिकायतकर्ता बिट्टू ने एसपी को एक आवेदन दिया है, जिसमे उसने अपनी शिकायत वापस करने की गुजारिश की है. थानाध्यक्ष के खिलाफ शिकायत करने वाले युवक ने 9 फरवरी को एसपी मनीष को एक आवेदन दिया है, जिसमे उसने बताया है कि आरोपी थानाध्यक्ष गौरव के पास गलती से 15 हजार रुपया चला गया था जिसे वह थानाध्यक्ष से मांग रहा था. लेकिन थानाध्यक्ष बार बार दौड़ा रहे थे और पैसा वापस नहीं कर रहे थे, जिसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई थी. अब थानाध्यक्ष ने पैसे वापस कर दिए हैं.
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