2 मई को सिवनी के कुरई के सिमरिया में तीन आदिवासियों को गोकसी का आरोप लगाकर पिटाई की गयी।
एक आदिवासी गंभीर रूप से घायल हुआ और दो आदिवासियों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 9 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सरकार ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई। इस कारण आदिवासी वर्ग और स्थानीय लोगों में गुस्सा भर गया है। आदिवासी वर्ग से जुड़ा मामला होने से प्रदेश की सियासत भी गरम हो गई है।
मध्य प्रदेश के सिवनी में गौमांस की तस्करी के मामले मे दो आदिवासियों की मॉब लिंचिंग मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में SIT बनाने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिवनी एसपी कुमार प्रतीक साथ-साथ थाना कुरई और बादलपार चौकी के पूरे स्टाफ को तत्काल हटाने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को गुना की घटना को लेकर आपात कालीन बैठक बुलाई , जिस में उन्होंने सिवनी की घटना पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो आदिवासियों की मौत और पूरे घटना की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एसआईटी से जल्द से जल्द जांच कराने को कहा है।
कांग्रेस नेता बना रहे हैं इस घटना को एक बड़ा मुद्दा ।
सिवनी की घटना पर अब राजनीति भी होनी चालू हो गई । कांग्रेस और बीजेपी के नेता पीड़ित परिवार से मिलने जांच दल भेज चुकी है। बीजेपी की तरफ से भेजे जांच दल में आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले पदाधिकारी थे। इस दल ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे। कांग्रेस की तरफ से नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह जांच दल में शामिल थे। उन्होंने बजरंग दल पर आदिवासी परिवार को घर में घुसकर हत्या करने का आरोप लगाया था।
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