मैक्लुस्कीगंज: पर्यटन गांव के नाम से प्रसिद्ध होने के बावजूद भी, मैक्लुस्कीगंज क्षेत्र को ट्रेन सेवा से वंचित रहना एक महत्वपूर्ण समस्या हो गई है। 27 सितंबर को नई दिल्ली में पर्यटन गांव के रूप में पुरस्कृत किया गया, लेकिन इस समय भी यहां की जनता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ट्रेनों की आवश्यकता है।
कोलकाता से आते थे पर्यटक:
मैक्लुस्कीगंज रेलवे स्टेशन पर जब दो यात्री ट्रेन पलामू और शक्तिपुंज एक्सप्रेस चलती थी, तब यहां कोलकाता से पर्यटक घूमने के लिए आते थे। जब से दोनों ट्रेनें बंद हुई हैं, पर्यटकों की संख्या में काफी गिरावट आई है। इससे स्थानीय लोगों के बीच रोजगार का संकट भी उत्पन्न हो गया है। शिक्षक मुखदेव गोप कहते हैं कि इस बात को लेकर यहां के लोगों में काफी आक्रोश है, जो कभी भी फूट पड़ेगा।मैक्लुस्कीगंज में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं दूसरे राज्यों के सैकड़ों बच्चे पर्यटकों के लिए मैक्लुस्कीगंज आकर्षण का केंद्र है। मैक्लुस्कीगंज में कई शिक्षा संस्थान भी हैं, जहां झारखंड और आसपास के राज्यों से बच्चे आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। इस कारण यहां रहनेवाले विद्यार्थियों को भी आने-जाने में परेशानी होती है। इस कारण विद्यार्थी यहां आकर अब पढ़ाई करने से कतरा रहे हैं।
ट्रेन सेवा की बुरी हालत:
मैक्लुस्कीगंज क्षेत्र में एक समय ट्रेन सेवा उपलब्ध थी, जिससे यहां के पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच सार्थक जुड़ाव था। कोरोना महामारी के बाद, इस सेवा को बंद कर दिया गया, और इसके बाद से मैक्लुस्कीगंज क्षेत्र के लोग ट्रेन से संपूर्णत: वंचित हो गए हैं।
प्रतिनिधियों की मांग:
कोरोना काल के खत्म होने के बाद, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने ट्रेन सेवा की मांग की है, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
ट्रेन की अभाव की समस्या:
मैक्लुस्कीगंज क्षेत्र में ट्रेन सेवा की कमी के कारण स्थानीय लोगों को ट्रेन से आगमन के लिए 20 किलोमीटर दूर टोरी या 8 किलोमीटर दूर खलारी जाना पड़ता है। रात्रि के समय यहां ट्रेन पकड़ने के लिए दो स्टेशनों तक आने-जाने में परेशानी होती है।
बेरोजगारी की समस्या:
इस समस्या के अलावा, मैक्लुस्कीगंज क्षेत्र में ट्रेन सेवा की कमी के कारण पर्यटकों की संख्या में भी कमी आई है, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार की समस्या उत्पन्न हो रही है।
शिक्षा के लिए परेशानी:
मैक्लुस्कीगंज क्षेत्र में कई शिक्षा संस्थान हैं, जहां अन्य राज्यों से आने वाले बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। ट्रेन सेवा की अभाव के कारण इन विद्यार्थियों को आने-जाने में परेशानी होती है, जिससे उन्हें पढ़ाई करने में कठिनाई हो रही है।
पर्यटक मित्र की कमी:
यहां पर्यटकों को मैक्लुस्कीगंज का सैर कराने और यहां के बारे में जानकारी देने वाले पर्यक मित्रों की कमी है। पर्यटक मित्रों के रहने से यहां आने वाले पर्यटकों को सुविधा भी होती थी। स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलता था।
स्वास्थ्य सुविधा की कमी:
मैक्लुस्कीगंज क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है, और अगर किसी की तबीयत खराब हो जाए तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।यहां लगभग 50 हॉस्टल हैं, जिनमें दूसरे जगहों के बच्चे रहते हैं। फिलहाल मैक्लुस्कीगंज अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सप्ताह में एक दिन डॉक्टर बैठते हैं।
समाधान की मांग:
सरकार से मांग है कि मैक्लुस्कीगंज क्षेत्र में ट्रेन सेवा को बदलाव और पर्यटकों के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए समय पर कदम उठाया जाए, ताकि यह गांव अपने पर्यटकों को आकर्षित कर सके और स्थानीय लोगों को रोजगार की सुविधा प्रदान की जा सके।
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