झारखंड के पेयजल और स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर से निर्वाचन आयोग ने 20 मई तक जवाब मांगा है. इन पर 2019 के विधानसभा चुनाव के समय फार्म 26 में चाईबासा के सत्यम बिल्डर्स का पार्टनर होने की बातें कही गयी थी. इनकी सदस्यता रद्द किये जाने की शिकायत जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 (ए) के तहत करने की शिकायत निर्वाचन आयोग से आरटीआइ एक्टिविस्ट सुनील महतो ने की थी. शिकायत में कहा गया था कि सत्यम बिल्डर्स चाईबासा में सरकारी कामकाज का ठेका लेती थी. विधानसभा चुनाव के दौरान भी राज्य सरकार की कई निविदाएं अस्तित्व में थीं, जिस पर अब भी काम चल रहा है.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय की तरफ से इस संबंध में जवाब मांगा
आयोग ने इससे पहले राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय की तरफ से इस संबंध में जवाब मांगा था. राज्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय की तरफ से गढ़वा के उपायुक्त से मिथिलेश ठाकुर के निर्वाचन संबंधित जानकारी मांगी थी. इसके बाद गढ़वा जिले से राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय को यह जानकारी दी गयी थी कि मंत्री मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. गढ़वा जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2019 में चुनाव लड़ते हुए शपथ पत्र में किसी फर्म का ब्योरा मिथिलेश ठाकुर की तरफ से नहीं दी गयी था. जबाव से असंतुष्ट निर्वाचन आयोग ने सत्यम बिल्डर्स से मंत्री मिथिलेश ठाकुर के रिश्ते और शपथ पत्र में दी गयी जानकारी अधूरी है.
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