टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) व हांगकांड एंड शंघाई बैंकिंग कारपोरेशन लिमिटेड (एचएसबीसी) द्वारा केवल झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी तरह की नई पहल की जा रही है.
दोनो संस्थान मिलकर कोल्हान के 38 प्रखंड़ों में कार्यरत 565 सहिया (पूर्वी सिंहभूम में 151, पश्चिम सिंहभूम में 234 व सरायकेला-खरसावां में 181) साथी व कुछ आक्जिलरी नर्स मिडवाइफ (एएनएम) को ई-स्कूटर दिए जा रहे हैं। इसमें लगे जीपीएस ट्रैकर से सहिया साथियों को ट्रैक भी किया जा सकेगा कि उनका वर्तमान लोकेशन कहां है.
पश्चिमी सिंहभूम में स्वास्थ्य कर्मियों के बीच ई-स्कूटर का किया गया वितरण
सरायकेला खरसावां जिले में पहले चरण के बाद, मानसी से जुड़ी सहिया साथियों (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आशा कार्यकर्ता) के बीच ई-स्कूटर का वितरण किया गया ताकि दुर्गम इलाकों में आवागमन के मुद्दे का समाधान किया जा सके. इस कार्यक्रम का आयोजन पश्चिमी सिंहभूम जिला के चाईबासा पुलिस ग्राउंड में हुआ जहां गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को त्वरित सहायता प्रदान करने से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए 234 ई-स्कूटर वितरित किए गए। 13 मार्च, 2022 को सरायकेला खरसावां में सहिया साथियों के लिए कुल 181 ई-स्कूटर वितरित किए गए, जबकि अन्य 150 आगामी 27 मार्च, 2022 को पूर्वी सिंहभूम में वितरित किये जायेंगे.
ई स्कूटर मिलने के बाद प्रसन्न मुद्रा में सहिया
इस अवसर पर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री जोबा मांझी, मझगांव के विधायक निराल पूर्ति उपस्थित रहे। साथ ही, इस अवसर पर उपायुक्त अनन्य मित्तल, रवि जैन, आईएएस, सहायक कलेक्टर, डॉ. बुका उरांव, सिविल सर्जन, पश्चिमी सिंहभूम, सौरव रॉय, चीफ, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटीटाटा, टाटा स्टील, आदिल घडियाली, उपाध्यक्ष, एचएसबीसी, मुंबई भी उपस्थित थे.
टाटा स्टील के चीफ, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी सौरव रॉय ने कहा, “हम सहिया साथियों, एएनएम और राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सस्टेनेबल प्रभाव को बढ़ाने के लिए नवीनतम सार्वजनिक स्वास्थ्य समाधानों को लागू किया जा सके. इलेक्ट्रिक स्कूटर सार्वजनिक स्वास्थ्य समाधानों के सह-निर्माण की दिशा में एक अग्रणी कदम है,
जिसके प्रति टाटा स्टील फाउंडेशन प्रतिबद्ध है. हम जिले में मानसी के माध्यम से 34,800 से अधिक गर्भवती महिलाओं और माताओं तक पहुंच बना चुके हैं और अब वितरित किये जा रहे ई-स्कूटर्स, पहुंच का दायरा और अधिक से अधिक बढ़ाने तथा और तेजी से चिकित्सा सहायता प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे। हम इस पहल में भागीदार के रूप में जिला प्रशासन और एचएसबीसी के आभारी हैं.”
टाटा स्टील फाउंडेशन सरायकेला खरसावां,
पश्चिमी सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम के इन तीन स्थानों पर वितरित करने के लिए 565 ई-स्कूटर उपलब्ध कराने के लिए बैंकिंग क्षेत्र की दिग्गज एचएसबीसी के साथ सहयोग किया है. सहिया साथी फाउंडेशन के मानसी कार्यक्रम का एक हिस्सा हैं जो एक समुदाय-केंद्रित सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप है जो घरेलू स्तर पर माताओं और नवजात बच्चों के लिए गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य देखभाल का लाभ उठाने में ग्रामीण भारत की चुनौतियों का समाधान करता है.
वितरण से पहले, सहिया साथियों की सुरक्षा और ड्राइविंग कौशल सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन और संचालन किया गया था। संबंधित क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता की कमी को देखते हुए एक समाधान पूर्ण पहल के रूप में ई-स्कूटर को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह पूरी तरह से चार्ज होने में ढाई घंटे के लिए केवल 15 एम्पियर बिजली लेता है। खास बात ये है कि इसके लिए उन्हें किसी ड्राइविंग लाइसेंस की भी आवश्यकता नहीं है क्योंकि, एक मोटर वाहन के रूप में मानक शक्ति और गति सीमा के मुकाबले इसकी सीमा कम होती है.
सहिया साथियों ने कोविड -19 के समय में मातृत्व और नवजात स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में सबसे मौलिक भूमिका निभाई है, जब परिवहन लगभग रुका हुआ था। वे झारखंड में नवजात शिशुओं की मृत्यु को कम करने और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने में निस्वार्थ भाव से मानसी का चेहरा रहे हैं.
इस प्रोजेक्ट पर टीएसएफ व एचएसबीसी मिलकर करेंगे कुल पांच करोड़ रुपये खर्च
टीएसएफ व एचएसबीसी द्वारा इस प्रोजेक्ट में कुल पांच करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. जिसमें दोनों संस्थानों का 50-50 प्रतिशत का योगदान है.टाटा स्टील के सीएसआर चीफ सौरभ राय ने बताया कि टाटा स्टील फाउंडेशन पिछले 10 वर्षों से मानसी प्रोजेक्ट के माध्यम से कोल्हान में काम कर रही है। ऐसे में सहिया साथियों को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने, मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में काफी समस्याएं होती है।
इस तकलीफ को समझते हुए टाटा स्टील फाउंडेशन उनकी समस्याओं को कम करने की पहल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि ई-स्कूटर में लगे जीपीएस का ट्रैकर जिला प्रशासन व सिविल सर्जन के पास होगा ताकि वे सहिया साथियों को मानिटर कर पाएंगे। भौगोलिक रूप से किस सहिया साथी को इस योजना का लाभ मिले, इसका चयन नेशनल हेल्थ मिशन, जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य सचिव के माध्यम से किया गया है.
एम्पीयर कंपनी का मिलेगा स्कूटर
सौरभ राय ने बताया कि सभी सहिया साथियों को एम्पीयर कंपनी का ई-स्कूटर दिए जाएंगे जिसका मार्केट प्राइस आन रोड 75 हजार रुपये है। जो 15 एम्पीयर पावर से चार्ज हो सकता है। इसे एक बार चार्ज करने पर 85 किलोमीटर का माइलेज देगी। उन्होंने बताया कि एम्पीयर कंपनी के कोल्हान में अधिकृत डीलर हैं और यहां सर्विस स्टेशन की भी सुविधा है। टाटा स्टील फाउंडेशन तीन साल तक इंश्योरेंस को देखेगी।
इसके बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा स्कीम शुरू करने का आश्वासन दिया गया है। सौरभ ने बताया कि ई-स्कूटर के साथ एक-एक हेल्मेट व सेफ्टी किट रखने के लिए बाक्स भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ई-स्कूटर देने से पहले सभी सहिया साथी की ट्रेनिंग भी हुई है.
बनाए जा रहे हैं सर्विस स्टेशन
सौरभ राय ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में टाटा स्टील फाउंडेशन व एचएसबीसी का 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। उन्होंने बताया कि कोल्हान के कुछ हिस्सों में बिजली की समस्या है। ऐसे में हम सविल सर्जन कार्यालय, सहिया दीदी सेंटर सहित कुछ स्थानों पर पावर चार्जिंग स्टेशन तैयार कर रही है। साथ ही सोलर पैनल व बैटरी से स्कूटर को चार्ज करने के बारे में भी सोचा जा रहा है।
टाटा स्टील फाउंडेशन का उद्देश्य केवल बांटना नहीं बल्कि यह भी देखना है कि जो सुविधाएं दी जा रही है, वह कितना सफल होगी। स्थानीय जिला प्रशासन ने हमें आश्वस्त किया है कि तीन साल के बाद वे किस तरह की पहल करेंगे। प्रोजेक्ट की सफलता के बाद ही तय होगा कि इस प्रोजेक्ट को कंपनी अपने फुटप्रिंट क्षेत्र में किस तरह से आगे बढ़ाती है.
स्कूटर की खासियत
राइडिंग रेंज : 85 किलोमीटर
टाप स्पीड : 53 किलोमीटर प्रति घंटा
बैटरी चार्जिंग टाइम : 6-7 घंटे
रेटेड पावर : 1200 वाट
यूएसबी चार्जिंग पोर्ट की भी सुविधा.
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