झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि काम के दौरान दुर्घटना में मृत होने वाले कर्मचारियों के परिजनों को मौद्रिक मुआवजा के साथ ब्याज का भुगतान किया जाना चाहिए। ब्याज की गणना मौत की तिथि से होगी न कि किसी ट्रिब्यूनल के मुआवजा निर्धारण की तिथि से।
आदेश क्या है?
झारखंड हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मृत कर्मचारी के परिजनों को मौद्रिक मुआवजा अधिनियम में ब्याज देने और ब्याज की गणना करमचारी की मौत की तिथि से करने का प्रावधान है। इसके साथ ही, अदालत ने प्रार्थी को मुआवजे की राशि के साथ 12 प्रतिशत साधारण ब्याज का भुगतान करने का आदेश दिया है। अदालत ने इस आदेश की प्रति राज्य के सभी श्रम न्यायाधिकरण को भेजने का निर्देश हाईकोर्ट के रजिस्ट्री विभाग को दिया है।
मामले का पूरा विवाद
इस मामले में, मृत कर्मचारी के परिजन ने जगल किशोर राय के मौत के बाद मौद्रिक मुआवजा की राशि पर ब्याज का भुगतान नहीं किया होने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। प्रार्थी ने कहा कि श्रम न्यायाधिकरण ने मुआवजे की राशि का निर्धारण तो किया है, लेकिन उन्हें ब्याज नहीं दिया गया है, जबकि वे ब्याज का हकदार हैं।
ब्याज की गणना कब होगी?
हाईकोर्ट ने ब्याज की गणना मौत की तिथि से करने का आदेश दिया है और इसका मतलब है कि प्रार्थी को मुआवजे की राशि का 12 प्रतिशत साधारण ब्याज भुगतान करने का समय मिलेगा।
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