क्रिकेट में कप्तानों को बुनियादी सीख दी जाती है. उन्हें बताया जाता है कि किसी भी मैच में वो आधी लड़ाई तो तब ही जीत लेते हैं जब सही प्लेइंग 11 का चुनाव कर लेते हैं. यानि एक संतुलित टीम मैच जीतने की पहली बड़ी जरूरत है. वरना कभी लगता है कि एक मीडियम पेसर कम पड़ गया तो कभी लगता है काश! एक स्पिनर और होता. इस परेशानी से निपटने का एक ही तरीका है कि टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी हों जो हरफनमौला यानि ऑलराउंडर हों. हार्दिक पांड्या ऐसे ही खिलाड़ी हैं.
वो कप्तान रोहित शर्मा को प्लेइंग-11 में सटीक संतुलन की आजादी देते हैं. पिच, मौसम, विरोधी टीम को देखने के बाद रोहित शर्मा इस बात का फैसला कर सकते हैं कि किस मैच में उन्हें ‘एक्सट्रा’ स्पिनर खिलाना है और किस मैच में ‘एक्सट्रा’ पेसर. इसी वर्ल्ड कप के पहले मैच में चेन्नई में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आर अश्विन को मौका दिया. दूसरे मैच में दिल्ली में अफगानिस्तान के खिलाफ वो शार्दुल ठाकुर को ले आए. ये बदलाव करने के लिए उन्हें जो ‘कुशन’ चाहिए था वो हार्दिक पांड्या ने दिया. हार्दिक पांड्या ने अपनी गेंदबाजी से कप्तान रोहित शर्मा को ये भरोसा दिया है कि वो वक्त पड़ने पर तीसरे सीमर के तौर पर गेंदबाजी के लिए तैयार है.
भारतीय पिचों पर ‘क्रॉस सीम’ गेंदबाजी का कमाल
हार्दिक पांड्या ने अफगानिस्तान के खिलाफ दम लगाकर गेंदबाजी की थी. उन्होंने पूरे सात ओवर गेंदबाजी की थी. इसमें उन्होंने 43 रन देकर 2 विकेट लिए. पहले उन्होंने अफगानिस्तान के काबिल बल्लेबाज रहमनउल्ला गुरबाज को आउट किया. इसके बाद उन्होंने सौ रन से ऊपर जा चुकी साझेदारी तोड़ी. जिसके लिए उन्होंने अज़मतुल्ला ओनरज़ई को आउट किया. अज़मतुल्ला को पांड्या ने बोल्ड किया.
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया वाले मैच में हार्दिक पांड्या थोड़े महंगे जरूर साबित हुए थे. लेकिन अफगानिस्तान के खिलाफ उनकी गेंदबाजी बेहतर थी. बड़ी बात ये है कि भारतीय पिचों पर वो 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के आस-पास गेंदबाजी कर रहे हैं. बड़े अहम मौकों पर वो अपनी टीम को कामयाबी दिलाते हैं. हार्दिक पांड्या की ताकत है उनकी ‘क्रॉस-सीम’ गेंदबाजी. अच्छे अच्छे बल्लेबाजों के लिए इस बात को भांपना मुश्किल होता है कि हार्दिक पांड्या की गेंद कितनी ऊंचाई तक आने वाली है. रफ्तार में बदलाव करके भी वो गेंदबाजी में वेराइटी लाते हैं. इसके अलावा क्रीज पर बल्लेबाजी कर रहे खिलाड़ी के दिमाग को भांपने की भी खूबी हार्दिक पांड्या में है.
पाकिस्तान के खिलाफ अहम होगा हार्दिक का रोल
भारत का अगला मैच पाकिस्तान से है. भारत और पाकिस्तान जब एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरते हैं तो बात रिकॉर्ड, आंकड़ों से अलग निकलकर जोश और जुनून में तब्दील हो जाती है. वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत ने हमेशा पाकिस्तान को हराया है. इस बार भी दोनों टीमों का मौजूदा प्रदर्शन कहता है कि भारत का ही पलड़ा भारी है. खैर, 14 अक्टूबर को होने वाले मुकाबले में हार्दिक पांड्या का रोल अहम रहने वाला है.
बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही लिहाज से वो जिस क्रम पर आते हैं वहां वो मैच पर बड़ा फर्क डाल सकते हैं. पाकिस्तान के खिलाफ हार्दिक पांड्या के रिकॉर्ड्स भी अच्छे हैं. वनडे फॉर्मेट में हार्दिक का करियर औसत 34 के आस-पास है जबकि पाकिस्तान के खिलाफ ये औसत करीब 70 का है. यानि दोगुने से भी ज्यादा. हार्दिक पांड्या ने पाकिस्तान के खिलाफ 6 वनडे मैच खेले हैं. इसमें उन्होंने 209 रन बनाए हैं. इसमें उनके दो अर्धशतक हैं. इसके अलावा दो मैच में उन्हें बल्लेबाजी का मौका ही नहीं मिला. एक मैच में वो नॉट आउट भी रहे. इन मुकाबलों में उन्होंने 6 विकेट भी लिए हैं.
हार्दिक रोहित से बहुत कुछ सीखेंगे भी
वैसे हार्दिक पांड्या कप्तान रोहित शर्मा को बहुत कुछ देते हैं तो लेते भी हैं. वो कप्तान रोहित शर्मा से कप्तानी की ‘टिप्स’ लेते हैं. हार्दिक पांड्या टी-20 फॉर्मेट में भारत की कप्तानी करते हैं. इसके अलावा रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में वो वनडे में भी कमान संभालते हैं. हालांकि अभी तक बीसीसीआई ने हार्दिक पांड्या का राज्याभिषेक नहीं किया है. फिलहाल वो वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा के डिप्टी यानि उप कप्तान की भूमिका में हैं.
रोहित शर्मा की कप्तानी की बहुत धूम रहती है. उन्होंने पांच बार आईपीएल खिताब जीता है. इसमें से दो बार उन्होंने सिर्फ 1 रन से विरोधी टीम को हराया है. फाइनल में दो बार 1 रन से मिली जीत ये बताती है कि रोहित शर्मा बहुत तनाव की सूरत में भी अपनी टीम को ‘कंट्रोल’ कर लेते हैं. वो क्रिकेट के खेल को आसान बनाने में यकीन करते हैं. ये उनकी बल्लेबाजी की तरह ही है.रोहित शर्मा जब अपनी लय में हों तो आप गौर कीजिएगा बल्लेबाजी कितनी आसान लगने लगती है.
यही फॉर्मूला उनकी कप्तानी पर भी लागू होता है. अब उप कप्तान के तौर पर हार्दिक पांड्या कप्तानी के तमाम दांवपेंच उनसे सीख रहे होंगे. रोहित शर्मा भी जानते हैं कि ये उनका आखिरी वर्ल्ड कप है. लिमिटेड ओवर्स में उनका भविष्य इस बात पर टिका है कि वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रदर्शन कैसा रहता है. बतौर क्रिकेटर रोहित शर्मा का दिल भी बड़ा है. वो भी हार्दिक को वो सबकुछ बता और सीखा रहे होंगे जो उन्होंने बरसों-बरस के अनुभव से हासिल की है.
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