कोरोना महामारी का ख़ौफ़ और उसके बाद दुनिया में लॉकडाउन की पाबंदियों के साथ-साथ जान-पहचान और आस पड़ोस में लोगों की मौत के ग़म से बाहर निकलने की जद्दोजहद ने फरवरी यानी प्यार के इस महीने की रंगत को फीका कर दिया है. आमतौर पर दिखने वाली रंगत, चहल-पहल जो पहले काफी रोमांटिक होता था वह अब बदला स नज़र आ रहा है.
ऐसे में सवाल है कि क्या अब युवाओं ने वैलेंटाइन्स डे पर तोहफ़े ख़रीदने छोड़ दिए हैं या कम कर दिए हैं?
अधिकतर लोग इस बार कोई भी गिफ्ट ऑनलाइन ख़रीदना ही पसंद कर रहे है. ऑनलाइन में वैराइटी भी ज़्यादा मिल रही है .
वैलेंटाइन्स डे के लिए ख़ासतौर पर एक ऐसा ऑनलाइन स्टोर बनाया गया है जहां उपभोक्ता को हर सामान एक ही जगह मिले.
फ्लिपकार्ट कंपनी ने बताया कि वैलेंटाइन के सप्ताह में अभी तक ऐप पर डेढ़ गुना ज़्यादा ट्रैफ़िक बढ़ा है. प्यार भरे हफ्ते के लिए लोगों ने इस ऐप से फूल, अंगूठी, कपल-टीशर्ट, स्टफ्ड टॉय और फैशन एक्सेसरीज़ जैसे उत्पाद सबसे ज़्यादा खरीदें हैं.वहीं, अमेज़ॉन भी अपने उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए चॉकलेट से लेकर ताज़े फूल और तरह-तरह के तोहफ़े खरीदने के लिए “वन स्टॉप डेस्टिनेशन” जैसी सुविधा दे रहा है. अमेज़ॉन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक वैलेंटाइन्स डे के लिए ख़ासतौर पर एक ऐसा ऑनलाइन स्टोर बनाया गया है जहां उपभोक्ता को हर सामान एक ही जगह मिले. फिर चाहे वो फूल हो, ब्यूटी प्रोडक्ट्स हो, स्मार्टफोन हो, चॉकलेट हो.
इंडिया ब्रांड इक्विटी फ़ाउंडेशन के बीते साल दिसंबर में आए आंकड़े बताते हैं कि भारत में ई-कॉमर्स ने कारोबार करने के तरीकों को बदल दिया है.
कोरोना की वजह से फूलों का कारोबार भी इन दिनों ख़ास नहीं चल रहा.कोरोना की मार के साथ ही ई-कॉमर्स में आई बहार भी दुकानों पर घट रही भीड़ का कारण है. इसकी गवाही आंकड़े देते हैं.इंडिया ब्रांड इक्विटी फ़ाउंडेशन के बीते साल दिसंबर में आए आंकड़े बताते हैं कि भारत में ई-कॉमर्स ने कारोबार करने के तरीकों को बदल दिया है.
भारतीय ई-कॉमर्स बाज़ार साल 2025 तक 111.40 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.साल 2020 में यह आंकड़ा महज़ 46.2 अरब डॉलर ही थी. यह बाज़ार साल 2030 तक 350 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है.2020 में 50 अरब डॉलर के कारोबार के साथ, भारत ई-कॉमर्स के लिए आठवां सबसे बड़ा बाजार बन गया. इसके साथ ही भारत ने फ्रांस को पीछे छोड़ दिया और कनाडा से एक स्थान आगे निकल गया.
फूलों को सुंदर ग़ुलदस्तों का रूप देकर सड़क किनारे उन्हें बेच रहे विक्रेता, छोटी बेकरी और चॉकलेट की दुकानें, तोहफ़ों की दुकानें पहले से ही ई-कॉमर्स से मुक़ाबला करने में जुटे हुए हैं.
NASSCOM के अनुसार, COVID-19 की वजह से मौजूद चुनौतियों/ अड़चनों के बावजूद, भारत का ई-कॉमर्स बाजार 2021 में 56.6 अरब अमेरिकी डॉलर की अनुमानित बिक्री के साथ 5% की दर से बढ़ रहा है. लोगों के पास स्मार्टफोन पहुंचने, 4जी नेटवर्क और ग्राहकों की आय बढ़ने से भारतीय ई-कॉमर्स बाज़ार के साल 2026 तक 200 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि साल 2017 में यह सिर्फ़ 38.5 अरब डॉलर था.साल 2020 की आख़िरी तिमाही में भारत के ई-कॉमर्स ऑर्डरों में 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. सबसे ज़्यादा खरीदे गए उत्पादों में पर्सनल केयर, सौंदर्य और स्वास्थ्य से जुड़े सामान शामिल थे.
कंसलटिंग फ़र्म बाएन और ऑनलाइन रिटेलर फ्ल़िपकार्ट ने बीते साल लॉकडाउन ख़ुलने के बाद एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया था कि कैसे दो महीने लंबे चली पाबंदियों के बावज़ूद वित्त वर्ष 2021 में भारतीय ई-रिटले मार्केट में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.
अभी का संघर्ष हम सब का है और हमारे आस-पास प्यार को ज़िंदा रखने का ज़रिया बनने वाले लोगों का भी, जो तमाम कोशिशों के बाद भी लॉकडाउन के झटके से उबर नहीं पा रहे हैं.दरअसल फूलों को सुंदर ग़ुलदस्तों का रूप देकर सड़क किनारे उन्हें बेच रहे विक्रेता, छोटी बेकरी और चॉकलेट की दुकानें, तोहफ़ों की दुकानें पहले से ही ई-कॉमर्स से मुक़ाबला करने में जुटे हुए हैं.इस पर से कोरोना वायरस की मार के बीच इन सबके लिए बीते दो साल बेहद उदास करने वाले रहे हैं.कोरोना की वजह से लोग भीड़-भाड़ में जाना पसंद नहीं कर रहे और इसका सीधा असर पड़ रहा है उन लोगों पर जो दुकानें सजा कर ग्राहकों की आस में बैठे हैं.
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