वंचित तबकों के बीच जागरूकता कार्यक्रम
मजदूर हित संबंधित मुद्दों को लेकर राज्य सरकार के श्रम मंत्रालय और श्रम विभाग का ध्यान आकर्षित करने के लिए भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र ( सीटू) की राज्य कमेटी 6 जून को रांची श्रम भवन के सामने एक राज्य स्तरीय प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है । इस अवसर पर अनौपचारिक श्रमिकों, असंगठित श्रमिकों, सरकारी योजना एवं अनुबन्धित कर्मचारियों, गिग वर्कर्स जैसे कामगारों के सबसे वंचित तबकों के बीच जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इसी क्रम में 22 मई को सीटू के सदस्यों द्वारा राज्यव्यापी मांग दिवस मनाया गया तथा जिला श्रम पदाधिकारियों के माध्यम से श्रम मंत्री को संबोधित करते हुए मांग ज्ञापन सौंपा गया। आज जमशेदपुर में भी सीटू के कोल्हान कोमेटी के सदस्यों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया ।
श्रम कानूनों का सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है- विश्वजीत
इस अवसर पर श्रम कार्यालय में उपस्थित प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए सीटू झारखंड के राज्य महासचिव विश्वजीत देव ने कहा, कि केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के तहत तथाकथित डबल इंजन वाली पिछली सरकार की नीतियों का प्रभाव झारखंड के मजदूर वर्ग पर अभी भी मंडरा रहा है। वर्तमान राज्य सरकार की घोषणाओं के बावजूद राज्य सरकार के कारपोरेट प्रभावित नौकरशाहों के मजदूर विरोधी रवैये के कारण एक ओर स्थायी रोजगार में तीव्र गिरावट है तो दूसरी ओर छोटे ठेकेदारों से लेकर बड़े उद्योगपतियों द्वारा श्रम कानूनों का सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी पालन नहीं हो रहा है
दोषी नियोक्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होने के कारण ठेका, अनुबन्धित, आउटसोर्स आदि कामगारों को बिगड़ती कामकाजी परिस्थितियों सह सामाजिक सुरक्षा और कानूनी कवरेज के घोर उल्लंघन का सामना करना पड़ता है. पीड़ित मजदूरों को न्याय पाने की विलंबित प्रक्रिया एक क्रूर सच्चाई है।आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, मिड डे मील वर्कर तथा सहिया के लिए सामाजिक एवं कानूनी सुरक्षा तथा न्यूनतम मजदूरी जैसे अधिकारों से वंचित किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी पालन नहीं हो रहा है। निर्माण श्रमिक, बीड़ी मजदूर आदि के लिए कल्याण बोर्ड, पारदर्शी तरीके से संचालित नहीं होते हैं।
नई ट्रेड यूनियनों के पंजीकरण की प्रक्रिया विभाग की लालफीताशाही का शिकार
गिग वर्कर्स की समस्या के प्रति उदासीन रुख ने हजारों युवा कामगारों को श्रम विभाग के माध्यम से राहत पाने से वंचित कर दिया है। श्रम विभाग के अंतर्गत विभिन्न समितियों में श्रमिकों का प्रतिनिधित्व तय करने के मानदंड को अभी तक पारदर्शी नहीं बनाया गया है. नई ट्रेड यूनियनों के पंजीकरण की प्रक्रिया विभाग की लालफीताशाही का शिकार हो गई है। पूर्व सरकार के मजदूर विरोधी रवैये को जारी रखते हुए नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत मई दिवस की छुट्टी का प्रावधान अभी तक नहीं किया गया है। श्रम रोजगार एवं कौशल विकास विभाग में रिक्त पदों के कारण श्रमिक हित बाधित हो रहे हैं।
जिला श्रम कार्यालय के माध्यम से मांग ज्ञापन
इस पृष्ठभूमि में आज 22 मई को पूरे राज्य में राज्य के श्रमिक वर्ग के हितों से संबंधित मुद्दे को संबोधित करने की दिशा में झारखंड सरकार के श्रम रोजगार, प्रशिक्षण और कौशल विकास मंत्री की ध्यानाकर्षण तथा व्यक्तिगत हस्तक्षेप की अपील करते हुए विभिन्न जिला श्रम कार्यालय के माध्यम से मांग ज्ञापन सौंपा गया तथा 6 जून2023 को श्रम भवन, डोरंडा, रांची के सामने शांतिपूर्ण राज्य स्तरीय प्रदर्शन एवं ज्वलंत मुद्दों पर विभाग के संबंधित अधिकारियों का ध्यान आकर्षण हेतु एक प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन प्रस्तुत करने की भी सूचना दी गई।
आज के कार्यक्रम में कॉम नागराजू, जेपी सिंह, संजय कुमार, एसके उपाध्याय, दीप सेन , बी.चटर्जी , बी.देब आदि नेता उपस्थित थे.
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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