हिंसा के खिलाफ हम सबकी आवाज-‘मुझे नहीं मेरा अधिकारों को सुरक्षित करो’ अभियान
जमशेदपुर 5 दिसम्बर । सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फॉर वोलंटरी एक्शन ( युवा ) की ओर से 16 दिवसीय अभियान हिंसा के खिलाफ हम सबकी आवाज-‘मुझे नहीं मेरा अधिकारों को सुरक्षित करो’ के तहत जिला स्तरीय रिथिंक प्रोग्राम आर्का जैन यूनिवर्सिटी में किया गया। आर्का जैन यूनिवर्सिटी के डीन डॉ प्रवीण कुमार ठाकुर एवं डॉक्टर उर्वशी ठाकुर ने रिथिंक कार्यक्रम को संचालन करने की स्वीकृति प्रदान की।
सर्वप्रथम पौधों में पानी डालकर रिथिंक कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया, जिसमें यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. एस एस रजी, डीन डॉ. प्रवीण कुमार ठाकुर, स्कूल ऑफ लाभ के डीन डाॅ बोधिसत्व आचार्य, प्रो मुकुल पांडेय, डॉक्टर उर्वशी ठाकुर, कार्यक्रम के रिसोर्स पर्सन झारखंड विकलांग मंच के सचिव नरेंद्र कुमार, युवा संस्था की अध्यक्ष उषा सबीना देवगम एवं सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने सहयोग किया।
समाज महिलाओं, विशेषकर विकलांग महिलाओं को अपनी बातों को रखने का अवसर नहीं देता-वणार्ली चक्रवर्ती
‘युवा’ की सचिव वणार्ली चक्रवर्ती ने कार्यक्रम में सबका स्वागत करते हुए 16 दिवसीय अभियान के उद्देश्य पर जानकारी दी और कहा, ‘महिला हिंसा पर हम सबको बात करने की जरूरत इसलिए है, क्योंकि समाज महिलाओं, विशेषकर विकलांग महिलाओं को अपनी बातों को रखने का अवसर नहीं देता है, जिस कारण वे अपने अधिकारों से, अपने हक से वंचित हो जाती हैं । झारखंड विकलांग मंच के सचिव नरेंद्र ने विकलांगता अधिकार अधिनियम पर सत्र लिया, जिसमें उन्होंने निशक्त व्यक्ति के प्रति होने वाली हिंसा के बारे में जानकारी दी एवं उनके क्या अधिकार है इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक विकलांग व्यक्ति को भी सामान्य व्यक्ति की तरह गरिमा पूर्ण समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार है।
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विकलांग व्यक्ति को भी सामान्य व्यक्ति की तरह गरिमा पूर्ण समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार-नरेंद्र
विकलांग व्यक्तियों की पहुंच उच्च शिक्षा तक नहीं हो पाती है, क्योंकि बुनियादी ढांचा उनके पहुंच के अनुकूल नहीं होती है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर सभी को पुनर्विचार करने की जरूरत है और कानूनी पैरवी तक अपनी बातों को ले जाने की जरूरत है। साथियों ने खेल के माध्यम से आंखों में पट्टी बांधकर यह समझाने का प्रयास किया कि किस तरह से विकलांग साथी हमारे बीच में कितनी चुनौतियों के साथ रहकर अपने जीवन को व्यतीत करते हैं और किस तरह से अपनी पहुंच को वहां तक नहीं बना पाते हैं । इसमें आर्का जैन यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भागीदारी लिया और अपने अनुभव को साझा किया ।
हिंसा को रोकने में अपनी पहल-बबीता सिन्हा
क्रिया,नई दिल्ली से बबीता सिन्हा ने 16 दिवसीय कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया एवं महिला हिंसा के संबंध में जानकारी देते हुए छात्रों से बातचीत की एवं इस पर पुनर्विचार करने के संबंध में छात्रों से बातचीत की, कि किस तरह से वह हिंसा को अपने घर में अपने आसपास ,अपने समाज में देखते हैं और और हिंसा को रोकने में अपनी पहल कर सकते हैं । आर्का जैन यूनिवर्सिटी के शिक्षक सभी छात्रों से शपथ लेने का अपील की और कहा कि हम यह प्रण लें कि अपने घर में ,अपने महिला साथी के साथ, अपने समाज में, परिवार की महिलाओं के साथ हिंसा नहीं करेंगे ।
अंत में कार्यक्रम का समापन युवा संस्था अध्यक्ष उषा सबीना देवगम के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया पूरे कार्यक्रम का संचालन विमेन गेनिंग ग्राउंड की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर सुश्री अंजना देवगम के द्वारा से किया गया । इस कार्यक्रम को सफल बनाने में युवा के सभी सदस्यों ने सहयोग किया।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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