विश्व माहवारी-स्वच्छता दिवस के अवसर पर बिहार निवास में पेड पीरियड लीव की मांग को लेकर अभियान को बढ़ावा देने के लिए पेड पीरियड लीव पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया और एक गीत व डॉक्यूमेंट्री भी रिलीज की गई. रंजीता प्रियदर्शिनी की पहल पर ‘पेड पीरियड लीव’ गाने को सुमंत यादव ने लिखा और फिल्माया है और इसके गायक हैं होमेंद्र भारती और दीक्षा धनगर। इसे मयारू स्टूडियोज ने प्रोड्यूस किया है और 28 मई को खबर लोक चैनल पर प्रसारित किया गया था।
कार्यक्रम के दौरान, अमित कटरूका ने इस अभियान पर और जोर दिया और अपने ईंट कारखाने में काम करने वाली सभी महिलाओं के लिए ‘वैतनिक’ अवधि की छुट्टी की घोषणा की। साथ ही, इस आयोजन के दौरान लोक मीडिया चैनल द्वारा सैंड आर्ट पर आधारित एक वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग और प्रकाशन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार विधान सभा विधायक ललन कुमार थे। पिछले दिनों उन्होंने बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान यह मांग उठाई थी कि निजी क्षेत्रों में भी पेड पीरियड लीव लागू किया जाए. रंजीता प्रियदर्शिनी, जो ओडिशा की रहने वाली हैं। उसने अपनी नौकरी छोड़ दी और इस सवैतनिक अवधि अवकाश अभियान की शुरुआत की। इस चरण के दौरान उन्होंने कई राज्यों के नेताओं से मुलाकात की और पेड पीरियड लीव लागू करने के लिए ज्ञापन सौंपा।
इस पृष्ठभूमि में बिहार निवास में आयोजित संगोष्ठी अत्यंत महत्वपूर्ण थी। पेड पीरियड लीव के लिए गाना रिलीज करने के बाद पेड पीरियड सॉन्ग के डायरेक्टर सुमंत यादव ने भी इसी नाम से इस पर फिल्म बनाने का एलान किया. वक्ताओं ने इस अभियान को महिलाओं को एक व्यक्ति के रूप में स्वीकार करने के संदर्भ में बताया। मासिक धर्म महिलाओं के स्वास्थ्य और उनके प्रजनन अधिकारों से जुड़ा मामला है। मीडिया से बातचीत में रंजीता ने बताया कि नौकरी के दौरान मासिक धर्म के दौरान छुट्टी नहीं मिलने के कारण उन्हें काफी परेशानी होती थी. तब उन्हें एहसास हुआ कि भारत में और भी कितनी ‘रंजीता’ हैं जो मुश्किल दिनों में इस तरह से पीड़ित हैं।
उनकी मदद के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और साल 2022 में पेड पीरियड लीव कैंपेन के लिए कैंपेन शुरू किया। अभियान के तहत रंजीता ने ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड सहित कई राज्यों का दौरा किया है। इस दौरान उन्होंने श्रम मंत्रियों और राजनेताओं से मुलाकात की और उनसे अपने राज्यों में पेड पीरियड लीव लागू करने का आग्रह किया। इसके अलावा, रंजीता प्रियदर्शिनी ने निजी कंपनियों और संस्थानों के मालिकों से भी मुलाकात की और आधा दर्जन से अधिक राज्यों में 20 से अधिक निजी संगठनों में कामकाजी महिलाओं के लिए भुगतान अवधि लागू की।
इस अवसर पर स्त्रीकाल के संपादक संजीव चंदन, छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ बोर्ड सदस्य, डॉ. आशा, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट, अनीता महापात्रा आदि ने भी वैतनिक अवकाश की आवश्यकता पर बात की और इस अभियान का समर्थन किया। कुर्सी रोड, लखनऊ स्थित शैक्षिक संस्थान रूट्स टू ब्लूम ओडिशा की छात्रा रंजीता प्रियदर्शिनी के पेड पीरियड लीव अभियान की शुरुआत से ही उसका समर्थन कर रहा है।
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