उपायुक्त की अध्यक्षता में जन्म एवं मृत्यु निबंधन पर जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित
सभी प्रखंडों में कार्यशाला का आयोजन करने का निदेश, अभियान को सफल बनाने की रणनीति पर हुई विस्तृत चर्चा
जिला योजना एवं विकास विभाग (अर्थ एवं सांख्यिकी) द्वारा छूटे हुए बच्चों का शत प्रतिशत जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करने, जन्म एवं मृत्यु का पंजीकरण करने को लेकर आगामी 14 जुलाई से 14 अगस्त तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। उक्त अभियान के सफल संचालन को लेकर समाहरणालय सभागार में उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस मौके पर एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, सिविल सर्जन डॉ. जुझार माझी, जिला योजना पदाधिकारी-सह- सांख्यिकी पदाधिकारी अरूण द्विवेदी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, बीडीओ जमशेदपुर सदर प्रवीण कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नेहा संजना खलखो, एमजीएम अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. नकुल चौधरी तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी बैठक में उपस्थित रहे, वहीं सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी प्रखंड चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी (एमओआइसी), बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) आदि वीसी से जुड़े।
ग्रामीण और शहरी परिवारों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हो व्यापक प्रचार – प्रसार
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि आमजनों में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण/प्रमाण पत्र के प्रति जागरूकता के अभाव में जन्म एवं मृत्यु का शत – प्रतिशत पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। इसी को लेकर सरकार ने पूरे राज्य में आगामी 14 जुलाई से 14 अगस्त 2023 तक जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण एवं प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस कार्य को सांख्यिकी, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, शिक्षा एवं पंचायती राज विभाग आपस में समन्वय बनाकर करेंगे। उन्होंने अभियान को सफल बनाने के लिए क्रमवार विभाग द्वारा तैयार रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होने कहा कि जिला में जन्म और मृत्यु पंजीकरण प्रक्रिया पर ग्रामीण और शहरी परिवारों में जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक प्रचार – प्रसार करें।
कोविड – 19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण जिन बच्चों का..
जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण के महत्व से जुड़ी अहम जानकारी साझा की। जन्म – मृत्यु पंजीकरण को लेकर शुरू होने वाले विशेष अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोविड – 19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण जिन बच्चों का जन्म पंजीकरण नहीं हो सका हो, ऐसे सभी बच्चों को चिन्हित करना है। विगत वर्षों में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण की छुटी हुई घटनाओं के शत – प्रतिशत पंजीकरण करना है।
अभियान के पहले 15 दिनों में आंगनवाड़ी कर्मियों को शून्य से पांच वर्ष के छूटे हुए सभी बच्चों की सूची..
मास्टर ट्रेनर ने विस्तार में बताया कि कैसे किस प्रपत्र में जानकारी देना है, किसके समक्ष पंजीकरण के लिए प्रपत्र प्रस्तुत करना है। अभियान के पहले 15 दिनों में आंगनवाड़ी कर्मियों को शून्य से पांच वर्ष के छूटे हुए सभी बच्चों की सूची तैयार कर जानकारी प्रपत्र-1 में भरकर प्रखंड कार्यालय को समर्पित करना है। वहीं, एनएम/सहिया को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह निबंधक को सूची/प्रपत्र तैयार कर समर्पित करेंगे। विद्यालय के शिक्षकों को भी अपने विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों जिनका जन्म प्रमाण पत्र नहीं है,उनकी सूची तैयार कर अभिभावकों को जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए प्रेरित करना है।
कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर द्वारा जन्म और मत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969, झारखंड जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2009, जीवनांक सांख्यिकी के विभिन्न प्रपत्र, पंजीकरण और प्रमाणन अपंजीकृत मामलों (21 दिनों के भीतर, 21 दिनों से लेकर एक वर्ष से अंदर तक के विलंब मामले,एक वर्ष से अधिक विलंब मामले) आदि के संबंध में विस्तार से बताया गया ।
जन्म-मृत्यु का पंजीकरण कहां कराएं ?
1. शहरी क्षेत्र में पंजीयन संबंधित नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत एवं अधिसूचित क्षेत्र समिति में कराया जा सकता है।
2. चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल एवं रेफरल अस्पताल में घटित घटनाओं का पंजीयन संबंधित अस्पताल में ही होगा ।
3. ग्रामीण क्षेत्र में पंजीयन ग्राम पंचायत में होता है।
4. ग्राम पंचायत में कार्यरत चौकीदार, आंगनबाड़ी सेविका एवं साहिया के माध्यम से अथवा सीधे पंचायत सचिव को जन्म और मृत्यु की घटना की सूचना देकर पंजीयन कराया जा सकता है।
5. बस, ट्रेन, हवाई जहाज, यान इत्यादि में जन्म या मृत्यु की घटना होने पर उसका रजिस्ट्रीकरण प्रथम विराम स्थान के अन्तर्गत आने वाली रजिस्ट्रीकरण इकाई में कराया जाना है।
6. किसी भी जन्म या मृत्यु की घटना का पंजीयन उसी शहर या ग्रामीण रजिस्ट्रेशन केन्द्र पर होगा जिसके क्षेत्र में घटना हुई है।
जन्म-मृत्यु का पंजीयन कब ?
1. परिवार में हुई प्रत्येक जन्म या मृत्यु की घटना का पंजीयन घटना के होने के 21 दिनों तक आप निःशुल्क करवा सकते हैं।
2.आपके परिवार में हुई प्रत्येक जन्म या मृत्यु की घटना का पंजीयन करवाना कानूनन आवश्यक है।
3.समय पर पंजीयन करवाने से भविष्य में होने वाली परेशानियों एवं झंझटों से आप बच सकते हैं ।
जन्म प्रमाण पत्र क्यों जरूरी है?
1. जन्म की तारीख एवं स्थान का यह एक प्रामाणिक दस्तावेज है ।
2. स्कूल में प्रवेश के समय जन्म की तारीख के प्रमाण स्वरूप यह प्रमाण-पत्र उपयोगी है।
3.राशन कार्ड में नाम दर्ज करवाने हेतु उपयोगी है।
4. ड्राइविंग लाइसेंस बनाने हेतु उपयोगी है।
5. विदेश यात्राओं के पासपोर्ट के लिए आवश्यक है ।
6.मताधिकार प्राप्त करने के लिए ।
7. वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने के लिए ।
8.बालिका समृद्धि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए
9. बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड एवं टीकाकरण के लिए
10. देश की वर्तमान जनसंख्या की स्थिति ज्ञात करने के लिए
मृत्यु प्रमाण पत्र क्यों जरूरी है?
1.मृत्यु की तारीख का यह एक प्रमाणिक दस्तावेज है
2. पैतृक संपत्ति के दावे के निराकरण में उपयोगी है
3. कोर्ट कचहरी में मृत्यु के साक्ष्य के रूप में
4. जीवन बीमा, बैंक खातों के लिए उपयोगी
5.दुर्घटना आदि में मृत्यु होने पर मुआवजा की प्राप्ति में आवश्यक है
6.मृत्यु के कारणों का पता लगाकर इसके उपचार हेतु आवश्यक कदम उठाने के लिए जरूरी
7.देश का वर्तमान जनसंख्या की स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए
8.चिकित्सा विज्ञान के विकास के लिए
9. शिशु मृत्यु दर एवं मातृत्व मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए
10.जनसंख्या वृद्धि दर को नियंत्रित करने के लिए
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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