जी हां, पुरुष भी घरेलू हिंसा के शिकार होते हैं, और देश में पुरुष प्रताड़ना के मामले बढ़ रहे हैं। घरेलू हिंसा एक समस्या है जो न केवल महिलाओं पर होती है, बल्कि पुरुष भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। इस प्रकार की हिंसा समाज में स्त्री और पुरुषों के बीच होने वाली समस्याओं का एक प्रकार है।
पुरुष प्रताड़ना विभिन्न रूपों में हो सकती है, और इसके कई कारण हो सकते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ कारण और आवश्यक कदम जिन्हें लेना चाहिए:
कारण:
- सामाजिक दबाव: पुरुष अक्सर सामाजिक दबाव का शिकार होते हैं, जिसमें उन्हें अपने समाज या परिवार की उम्र, शैली, या आर्थिक स्थिति के कारण प्रताड़ित किया जाता है।
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: कई बार मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के चलते पुरुष प्रताड़ना का शिकार हो सकते हैं, जैसे कि डिप्रेशन या मानसिक तनाव।
- शराब और नशा: शराब और नशे का सेवन पुरुषों में अधिकतम प्रताड़ना के कारणों में से एक हो सकता है।
- शिक्षा और जागरूकता की कमी: शिक्षा और जागरूकता की कमी भी पुरुष प्रताड़ना को बढ़ा सकती है, क्योंकि जागरूकता और शिक्षा समाज में सामाजिक बदलाव लाने में मदद करती है।
आवश्यक कदम:
- सामाजिक जागरूकता: समाज को पुरुष प्रताड़ना की गंभीरता को समझना और इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
- शिक्षा और प्रशासनिक सुधार: शिक्षा के माध्यम से जागरूकता फैलानी चाहिए, और प्रशासनिक सुधार करने चाहिए जिससे विक्षिप्तता को सजग किया जा सके।
- कानूनी सुरक्षा: सशक्त कानूनी निर्देशों का होना चाहिए जो पुरुष प्रताड़ना के खिलाफ सख्त कदम उठाते हैं और शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
- समर्थन प्रदान करना: प्रताड़ित पुरुषों को समर्थन प्रदान करने के लिए सामाजिक संगठन और संबंधित सेवाएं होनी चाहिए।
पुरुष भी कई प्रकार की प्रताड़ना के शिकार हो सकते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ ऐसे संदर्भ जिनमें पुरुष प्रताड़ना का शिकार हो सकते हैं:
- घरेलू हिंसा (Domestic Violence): कई बार पुरुष अपने साथी या परिवारिक सदस्यों से होने वाली शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक हिंसा का शिकार हो सकते हैं, जैसे कि मारपीट, छड़ी, या मानसिक अत्याचार।
- मानसिक प्रताड़ना (Emotional Abuse): मानसिक प्रताड़ना में किसी व्यक्ति को मानसिक दबाव, गालियां, अपमान, या अन्य मानसिक अत्याचार के माध्यम से परेशान किया जाता है।
- कार्यस्थल प्रताड़ना (Workplace Harassment): कुछ पुरुष अपने कामकाज के स्थल पर कार्यस्थल प्रताड़ना का शिकार हो सकते हैं, जैसे कि उनके बॉस, सहकर्मी, या अन्य संगठन के सदस्य द्वारा व्यावसायिक प्रताड़ना किया जाता है।
- जनसंख्या भेदभाव (Population Discrimination): समाज में जनसंख्या भेदभाव के कारण भी पुरुष प्रताड़ना होती है, जिसमें किसी जाति, वर्ग, या समुदाय के लोगों को उनकी जनसंख्या के कारण परेशान किया जाता है।
- ऑनलाइन बुली (Online Bullying): आजकल, सोशल मीडिया और इंटरनेट पर भी पुरुषों को ऑनलाइन बुलीइंग या साइबरबुलीइंग का शिकार हो सकता है, जिसमें उनपर व्यक्तिगत हमला या बदनामी की जाती है।
- सामाजिक प्रताड़ना (Social Harassment): सामाजिक प्रताड़ना के रूप में कुछ समय पुरुषों को उनके विचार, व्यवहार, या जीवनशैली के लिए समाज में टांगा, ट्रोलिंग, या बदनामी की जाती है।
अपनी गलती को प्रताड़ना का नाम देना
यह सच है कि कई पुरुष अपनी गलतियों को छुपाने का प्रयास करते हैं, खासकर जब वे प्रताड़ना के आरोप में शामिल होते हैं। इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं:
- सोसाइटल प्रेशर: समाज में ऐसा ख़्याल पाया जाता है कि पुरुष सदैव मानसिक और शारीरिक तौर पर शक्तिशाली होते हैं, और वे कभी गलत नहीं हो सकते। इस प्रेशर के कारण, कुछ पुरुष अपनी गलतियों को प्रकट करने से बचने का प्रयास करते हैं।
- डर और शरम: घरेलू या व्यक्तिगत रूप से प्रताड़ित पुरुषों को अक्सर डर और शरम का अहसास होता है, जो उन्हें अपनी गलतियों को प्रकट करने से रोक सकता है।
- समाज में लोगों की नज़र: अक्सर यह भी हो सकता है कि पुरुष समाज की नजर में गलतियों को छुपाने का प्रयास करते हैं, ताकि उनका समाज में दर्जा बरकरार रहे।
यह महत्वपूर्ण है कि हम समाज में इस प्रकार के विचारों को बदलें और पुरुषों को भी उनकी गलतियों को स्वीकार करने और सुधारने का मौका मिले। साथ ही, प्रताड़ना और गलतियों के आरोपों को सीधे और साहसी तरीके से संज्ञान में लाना आवश्यक है ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके और समाज में इसके खिलाफ जागरूकता फैलाई जा सके।
पुरुष आयोग की जरूरत का विचार एक महत्वपूर्ण और विवादित सवाल
पुरुष आयोग की जरूरत के बारे में विचार करते समय, कुछ तर्क प्रस्तुत किए जा सकते हैं, लेकिन यह एक विवादात्मक और विचारमय प्रश्न है, और यह सोचा जाता है कि समाज की दरकारों और समस्याओं के आधार पर यह निर्णय लिया जाना चाहिए।कुछ देशों में, लोग समाज में पुरुषों के अधिकारों और समस्याओं के प्रबंधन के लिए पुरुष आयोग की मांग करते हैं, हालांकि, यह एक विवादास्पद और विचारशील विषय होता है और देश की सामाजिक और सांविदानिक परंपराओं पर निर्भर करता है।
- सोसाइटल प्रेशर (Social Pressure): समाज में पुरुषों पर एक ऐसा प्रेशर महसूस किया जाता है कि वे हमेशा सही और मान्यता के लायक दिखने का प्रयास करते हैं। इस प्रेशर के चलते, वे अपनी गलतियों को छुपाने का प्रयास कर सकते हैं ताकि उनका समाज में दर्जा बरकरार रहे।
- आत्मसंरक्षण (Self-Preservation): पुरुष अपनी गलतियों को छुपा सकते हैं ताकि उनकी स्थिति, पैरेंट्स, परिवार, और सामाजिक संबंधों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
- आत्मघमंड (Ego): कई बार, आत्मघमंड के कारण भी पुरुष अपनी गलतियों को मानने में कठिनाई महसूस करते हैं और उन्हें छुपा देते हैं।
- डर और शरम (Fear and Shame): डर और शरम की भावना भी किसी पुरुष को उसकी गलतियों को छुपाने के लिए मोबीलाइज कर सकती है। वे अपनी गलतियों को स्वीकार करने में हिचकिचा सकते हैं।
- स्वामित्व और नियंत्रण (Ownership and Control): कुछ पुरुष अपने गुस्से, अत्याचार, या गलत व्यवहार को छुपा सकते हैं क्योंकि वे अपने व्यक्तिगत जीवन और नियंत्रण के मामले में स्वामित्व बनाए रखना चाहते हैं।
पुरुष अपनी गलतियों को छुपाने का प्रयास करने के बजाय, यह बेहतर होता है कि वे उन्हें स्वीकार करें और सुधारने का प्रयास करें। साथ ही, समाज को भी गलतियों के समर्थन में नहीं, बल्कि सजाये और सुधारे के लिए कानूनी प्रवाधन और संरचनाओं की आवश्यकता होती है।
Article by- Nishat
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